धर्म समाचार
- Post by Admin on Sep 27 2024
नई दिल्ली : 2024 शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से होने जा रही है और ये 11 अक्टूबर को खत्म होगा. हिंदू धर्म में 9 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व की बहुत महत्ता है और इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. 12 अक्टूबर 2024 को विजयदशमी का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाएगा. ऐसा कहा जाता है कि हर साल दुर्गा मां जब भी आती हैं तो अलग-अलग सवारी में आती हैं. इस बार उनकी सवारी क्या होगी और जिस सवारी से वो आए read more
- Post by Admin on Sep 25 2024
पटना : जीवित्पुत्रिका व्रत के लिए कई माताओं ने संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला उपवास शुरू कर दिया है। यह व्रत भादोकृष्ण उदयव्यापनी अष्टमी तिथि को किया जाता है, जिसे विशेष रूप से संतान की सुरक्षा और कल्याण के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। माताओं के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण उपासना का दिन होता है। इस व्रत को जिउतिया के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें माताएं 24 घं read more
- Post by Admin on Sep 22 2024
मुजफ्फरपुर : जिले में इस बार दुर्गापूजा का आयोजन एक नया इतिहास रचने जा रहा है। हरिसभा दुर्गापूजा की कमान पहली बार महिलाओं के हाथों में सौंपी गई है। 122 वर्षों के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब पूजा की सभी जिम्मेदारियों को महिलाएं निभाएंगी। दुर्गापूजा के लिए बनी नई कमेटी में झूमा दास को अध्यक्ष चुना गया है, जबकि उपाध्यक्ष वंदना गुहा, सचिव नीला बोस और अंकेक्षक मनीषा दत्त read more
- Post by Admin on Sep 21 2024
लखीसराय : माताओं द्वारा पुत्र के दीर्घायुष्य, आरोग्य और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाने वाला जीवित्पुत्रिका व्रत इस बार 25 सितंबर, बुधवार को हैं। यह व्रत आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है, जबकि सप्तमी अष्टमी तिथि पर इस व्रत को नहीं किया जाता हैं। इस बार माताओं को 24 सितंबर, मंगलवार को नहाय-खाय के साथ व्रत की शुरुआत करने की सलाह दी गई है। पंडित गिरीश मिश्र ने read more
- Post by Admin on Sep 20 2024
मुजफ्फरपुर : हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत, जिसे जितिया व्रत भी कहा जाता है, का विशेष महत्व है। महिलाएं इस व्रत को संतान की दीर्घायु, सुरक्षा और उत्तम संतति की प्राप्ति के लिए करती हैं। हर साल यह व्रत हिंदू पंचांग के अनुसार ही रखा जाता है, लेकिन कई बार पंचांगों में तिथियों के अंतर के कारण व्रत करने वालों में तिथि को लेकर संशय उत्पन्न हो जाता है। शहर के प्रसिद्ध ज्यो read more
- Post by Admin on Sep 19 2024
लखीसराय : पर्यावरण संरक्षण के महत्व को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण भारती ने पितृ पक्ष के अवसर पर वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया। इस अभियान के तहत अमरूद, कटहल, नींबू और फूलों के कुल 11 पौधे लगाए गए। पितृ पक्ष, जो 18 सितंबर 2024 से प्रारंभ हुआ, श्राद्ध कर्म का विशेष समय होता है, और इसी अवसर पर पर्यावरण प्रहरी अंकित कुमार के नेतृत्व में वृक्षारोपण किया गया। पर्यावरण भारती के संस् read more
- Post by Admin on Sep 18 2024
बिहार : 18 सितंबर बुधवार, भाद्रपद शुक्ल उदय पूर्णिमा को सभी सनातनीय अपने पूर्वजों के अक्षय तृप्ति हेतु तर्पण का आरंभ किये है। आज के दिन अगस्त मुनि को सर्वप्रथम अर्घ प्रदान किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि बिना उनके तृप्त हुए पितृतर्पण का फल प्राप्त नहीं होता है। इस दिन सुबह स्नान कर पवित्र जलाशय में श्री अगस्त्य मुनि का तर्पण किया जाता है। इसके लिए शंख में जल पुष्प और सफेद चं read more
- Post by Admin on Sep 08 2024
मुजफ्फरपुर : हर साल की तरह इस साल भी वियाहूत सभा द्वारा श्री बलभद्र जन्मोत्सव एवं वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा रविवार को बाबा गरीबनाथ मंदिर के कुएं से जल भरकर शुरू हुई, जो छाता बाजार, दुर्गा स्थान होते हुए यदुपति मार्ग के श्री बलभद्र मंदिर पहुंची। वहां बलभद्र जी का स्नान एवं अभिषेक संपन्न कराया गया। कल सोमवार को वार्षिकोत् read more
- Post by Admin on Sep 05 2024
लखीसराय : पति की लंबी उम्र और सुखमय जीवन की कामना को लेकर सुहागिन महिलाएं शुक्रवार, 6 सितंबर को हरतालिका तीज व्रत करेंगी। इस व्रत के लिए महिलाएं देर शाम तक फल, डलिया और श्रृंगार सामग्री की खरीदारी कर रही हैं। नया बाजार, पुरानी बाजार और विद्यापीठ चौक सहित अन्य जगहों पर लोग तीज व्रत की तैयारी में व्यस्त हैं। हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को read more
- Post by Admin on Aug 27 2024
मुजफ्फरपुर : मंगलवार को काली बारी रोड स्थित बालाजी हनुमान मंदिर के प्रांगण में बालाजी परिवार द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी के उपरांत एक भव्य भंडारे का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत आचार्य उपेंद्र मिश्रा द्वारा की गई, जिन्होंने सर्वप्रथम उपस्थित सभी देवी-देवताओं का स्नान, ध्यान, वस्त्र अर्पण और पुष्पों से श्रृंगार किया। इसके बाद, हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ सात बा read more