लोक आस्था का महापर्व चैती छठ आज से शुरू, छठ घाटों की सफाई अंतिम चरण में
- Post By Admin on Apr 01 2025

पटनाः लोक आस्था का महापर्व चैती छठ इस साल 1 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय की परंपरा से होगी, जिसमें व्रती कद्दू-भात ग्रहण कर व्रत की शुरुआत करेंगे। यह चार दिन तक चलने वाला पर्व है, जो अब अपने अनुष्ठान की शुरुआत कर चुका है और शहर-गांवों में श्रद्धा का माहौल बन चुका है।
छठ व्रत को लेकर गंगा समेत जिले की प्रमुख नदियों में श्रद्धालु डुबकी लगाकर पवित्र हो रहे हैं, वहीं पूजन सामग्री की खरीदारी जोरों पर है। छठ घाटों की सफाई अंतिम चरण में है और प्रशासन पर्व को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। बाजारों में पूजन सामग्री की दुकानें सज चुकी हैं, और श्रद्धालु पारंपरिक तरीके से छठ पर्व मनाने की तैयारी कर रहे हैं। गांव और शहर की गलियों में छठ गीतों की गूंज सुनाई दे रही है, जबकि मोबाइल, टीवी और ऑडियो सिस्टम से छठ गीत बज रहे हैं। पूरा वातावरण भक्तिमय हो चुका है।
छठ पर्व साल में दो बार मनाया जाता है
छठ पर्व साल में दो बार मनाया जाता है, एक बार चैत्र मास में और दूसरी बार कार्तिक मास में। चैत्र मास में मनाया जाने वाला पर्व चैती छठ कहलाता है, जो शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक चलता है। इस बार चैती छठ 1 अप्रैल से 4 अप्रैल तक मनाया जाएगा। शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 2 अप्रैल को रात 11.49 बजे से शुरू होकर 3 अप्रैल को रात 9.41 बजे तक रहेगी। 3 अप्रैल को डूबते सूर्य को और 4 अप्रैल को उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ व्रत समाप्त होगा।
सूर्य देव और षष्ठी माता को समर्पित पर्व
यह पर्व सूर्य देव और षष्ठी माता को समर्पित होता है, जिसमें व्रती कठोर उपवास रखते हैं और पूजा में विशेष विधियों का पालन किया जाता है। प्रसाद पूरी शुद्धता और सात्विकता से तैयार किया जाता है, जिसमें नई फसल से बने गेहूं, चावल, गन्ना और ताजे फल शामिल होते हैं। ठेकुआ, खीर और गन्ने का रस पूजा में अर्पित किया जाएगा, जबकि माता पूजन के लिए बांस का सूप, नारियल, अदरक, हल्दी, मूली, नींबू और अन्य फल आवश्यक होते हैं। इस बार नई फसल से प्राप्त सामग्री से पूजन और भी पवित्र होगा।