विविध समाचार
- Post by Admin on Dec 09 2024
साइंस और टेक्नोलॉजी के इस दौर में असंभव जैसा कुछ नहीं रहा। जापान के इंजीनियरों ने एक ऐसा अनोखा आविष्कार किया है जिसने सबको चौंका दिया है। उन्होंने एक ऐसी वॉशिंग मशीन बनाई है जो इंसानों को साफ कर सकती है। इस अद्भुत मशीन का नाम "मिराई निन्जेन सेंटाकुकी" रखा गया है, जिसका मतलब है "भविष्य की मानव वॉशिंग मशीन"। कैसे काम करती है यह वॉशिंग मशीन? यह मशीन इंसानों को मात् read more
- Post by Admin on Dec 07 2024
तमाम चीजों की तरह 'दुकान दउड़ी' भी तरह-तरह की होती हैं। तरह -तरह की 'दुकान दउड़ी' तरह-तरह के लोग तरह-तरह से चलाते हैं। कुछ दुकानें स्वयं चलती हैं, कुछ चलायी जाती हैं और कुछ चलानी पड़ती हैं। कुछ गोचर होती हैं, कुछ अगोचर! अगोचर दिखाई तो नहीं देती, किंतु होती अवश्य हैं और उसमें बिना पूंजी लगाए ही चांदी-ही चांदी! इस दुकान दउड़ी को वही चला सकते है, जिनकी कुंडली के सप्तम भाव में वृहस्पति read more
- Post by Admin on Dec 05 2024
डॉ. संजय पंकज प्रतिभा संपन्न कवि लेखक और वक्ता के रूप में सार्वदेशिक और सार्वकालिक पहचान बना चुके हैं। आज हम यह भी पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि इनके लेखन में जो विविधताएं और अनेक रूपताएं देखने को मिलती हैं वह एक ऐसी प्रतिभा की उपज है जिसका सर्वत्र सुलभ होना असंभव सा प्रतीत होता है। विषय पर पकड़ इतनी कि उसे व्यक्त करने के लिए भाषा नदी की तरह प्रवाहशील हो जाती है। डॉ. संजय पंकज के read more
- Post by Admin on Dec 04 2024
मुज़फ्फरपुर : समकालीन हिन्दी साहित्य में एक बड़ा नाम डॉ. संजय पंकज ने अपनी रचनात्मक यात्रा में साहित्य, समाज और संस्कृति को समर्पित किया है। पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और बिहार जैसे राज्यों में विभिन्न साहित्यिक मंचों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुके हैं। उन्होंने समकालीन हिंदी साहित्य को न सिर्फ सशक्त रचनाएं दीं, बल्कि समाज और संस्कृति के महत्व को भी जन-जन तक पहुँचाया। read more
- Post by Admin on Dec 02 2024
भैंस समाज की सभा बुलाई गई! मेनू-बिहार का प्रसिद्ध एक भैंस बाजार का 'खटाल'! उद्देश्य-मानवों एवं उसकी विचित्र प्रजातियों - मास्टरों, व्याख्याताओं, 'परफेसरों', लेखकों, पत्रकारों, नेताओं, 'मीडिया हाउस' आदि की भैंस विषयक असहिष्णुता का सुनियोजित अहिंसक विरोध एवं चरणबद्ध आंदोलन पर विचार विमर्श ! 'सभापति' - 'मोटकी' चितकबरी भैंस! दूध - सात लोटा सुबह, पाँच 'लोटा' शाम, कुल मिलाकर बार read more
- Post by Admin on Nov 27 2024
उस रोज पता नहीं किसका मुंह देखकर उठे थे कि दोपहर होते-होते चुनाव आयोग का 'प्रेमपत्र' मिल गया ! निष्कर्ष- पैक्स चुनाव ! ड्यूटी - मजिस्ट्रेट ! अब यह मत पूछ बैठिएगा-सेक्टर या पेट्रोलिंग ? हर जगह हर बात खोल-खोलकर नहीं कही जाती ! खैर ! चुनाव करवाने जा ही रहे थे कि हमारे वनस्पति शास्त्र वाले मित्र फिर मिल गए! मैं उनसे कुछ पूछता, उससे पूर्व वही तपाक से छींक दिए-" मुंह-कान बनाकर कहां जा रहे है read more
- Post by Admin on Nov 27 2024
भोजपुरी, मैथिली, बज्जिका, मगही और अंगिका बिहार की पांच प्रचलित लोक भाषाएं हैं। इनके क्षेत्रफल बड़े हैं। ये पांचों भाषाएं हिंदी से बहुत दूर तक जुड़े होने के बावजूद अपनी अनेक शब्दावलियों, कहावतों और लोकोक्तियों के कारण अपना स्वतंत्र अस्तित्व रखती हैं। इन लोक भाषाओं के पास ऐसे-ऐसे अनमोल और अनुपम शब्द हैं जो अपनी अर्थ छवियों में नितांत निजी और मौलिक हैं। हिंदी की निरंतर बढ़ती हुई सम read more
- Post by Admin on Nov 04 2024
हम में से अधिकतर लोग एक दिन में केवल एक बार सूर्योदय और एक बार सूर्यास्त का अनुभव कर सकते हैं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहने वाली अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स एक दिन में 16 बार सूर्योदय और 16 बार सूर्यास्त देखती हैं। दरअसल, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी से करीब 260 मील यानी करीब 418 किलोमीटर ऊपर है और हर समय करीब 17500 मील प्रति घंटे यानी 28160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ read more
- Post by Admin on Nov 02 2024
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की नई रिपोर्ट एक गंभीर चेतावनी देती है : 1.5°C के जलवायु लक्ष्य को प्राप्त करना अभी भी तकनीकी रूप से संभव है, लेकिन इसके लिए G20 देशों को एक ऐतिहासिक कदम उठाकर 2030 तक ग्रीनहाउस गैसों के एमिशन को आधा करना होगा। "नो मोर हॉट एयर... प्लीज़!" शीर्षक वाली यह रिपोर्ट नीति-निर्माताओं को यह बताने का प्रयास करती है कि यदि मौजूदा नीतियाँ जारी रहती हैं तो read more
- Post by Admin on Nov 02 2024
एक नई रिपोर्ट में यह उजागर किया गया है कि जलवायु परिवर्तन भारत में गंभीर स्वास्थ्य और आर्थिक संकट का कारण बनता जा रहा है। द लैंसेट काउंटडाउन 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की विशाल आबादी गर्मी, सूखा, बाढ़ और वायु प्रदूषण जैसी जलवायु-जनित समस्याओं का सामना कर रही है। 1. गर्मी का बढ़ता प्रभाव रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत में हर व्यक्ति औसतन 2,400 घंटों तक ऐसे तापमान में रहा जो read more