परिवार नियोजन पर एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न, जागरूकता और लक्ष्य प्राप्ति पर रहा ज़ोर

  • Post By Admin on May 22 2025
परिवार नियोजन पर एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न, जागरूकता और लक्ष्य प्राप्ति पर रहा ज़ोर

लखीसराय : लखीसराय सदर अस्पताल सभागार में आज एक दिवसीय परिवार नियोजन उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। पीएसआई इंडिया के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. बी. पी. सिन्हा ने की। कार्यशाला का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।

इस अवसर पर पीएसआई इंडिया के प्रबंधक अमित कुमार ने परिवार नियोजन के सभी साधनों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि योग्य दंपत्तियों को स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि परिवार नियोजन कार्यक्रम को ज़मीनी स्तर पर मजबूती मिल सके।

सिविल सर्जन डॉ. सिन्हा ने कहा कि परिवार नियोजन न केवल जनसंख्या नियंत्रण का साधन है, बल्कि यह एक स्वस्थ और सुखी जीवन की दिशा में उठाया गया कदम भी है। वहीं, डीपीएम सुधांशु लाल ने कम्यूनिटी नीड असेस्मेंट के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे योजना क्रियान्वयन में आसानी होती है।

कार्यशाला में एसीएमओ डॉ. अशोक भारती ने परामर्श को कार्यक्रम की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी बताया, जबकि डीसीएम आशुतोष सिंह ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि लखीसराय जिला पीपीआईयूसीडी में 28% उपलब्धि के साथ राज्य में 5वें स्थान पर है। एफपीएलएमआईएस में 91% और अंतरा सुई में 84% उपलब्धि के साथ जिले ने 10वां स्थान प्राप्त किया है।

कार्यशाला में जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सामुदायिक उत्प्रेरक, एएनएम, लेबर रूम इंचार्ज, जीविका की हेल्थ नोडल कर्मी, पीएएफआई से मुकेश कुमार झा सहित विभिन्न डेवलपमेंट पार्टनर्स उपस्थित रहे। कार्यशाला में जीविका के साथ मिलकर परिवार नियोजन कार्यक्रम को गति देने के लिए समन्वय और रणनीति पर भी चर्चा की गई।

इस मौके पर मोबाइल एकेडमी और किलकारी कार्यक्रम पर भी जानकारी दी गई। सभी आशा कार्यकर्ताओं को हेल्पलाइन नंबर 14423 (किलकारी) और 14424 (मोबाइल एकेडमी) पर कॉल कर 4 घंटे का प्रशिक्षण लेने का निर्देश दिया गया, जिसके बाद उन्हें राज्य स्तर से प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।

कार्यक्रम में अनीमिया मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत लखीसराय की राज्य में 24वीं रैंक पर चिंता जताई गई। 5 माह से 59 माह के बच्चों को आशा द्वारा एवं स्कूलों में 5 से 19 वर्ष तक के बच्चों को आयरन की गोली खिलाने के अभियान को और अधिक सशक्त करने पर बल दिया गया।

समापन में सभी प्रतिभागियों ने परिवार नियोजन कार्यक्रम को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने की प्रतिबद्धता दोहराई।