गठिया के इलाज में नई उम्मीद : जापानी वैज्ञानिकों ने खोजे जोड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले इम्यून हब्स

  • Post By Admin on Aug 18 2025
गठिया के इलाज में नई उम्मीद : जापानी वैज्ञानिकों ने खोजे जोड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले इम्यून हब्स

नई दिल्ली : गठिया (रूमेटाइड आर्थराइटिस) से जूझ रहे मरीजों के लिए जापान से अच्छी खबर आई है। क्योटो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ऐसे छिपे हुए "प्रतिरक्षा केंद्र" (इम्यून हब्स) की पहचान की है जो सीधे तौर पर जोड़ों को नुकसान पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

रूमेटाइड आर्थराइटिस एक गंभीर ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ही जोड़ों पर हमला करने लगती है। इससे लाखों लोग पीड़ित हैं और कई मरीजों पर दवाइयां भी असर नहीं करतीं। अक्सर यह बीमारी एडवांस स्तर पर जोड़ों में स्थायी विकृति तक पैदा कर देती है।

शोध में सामने आया है कि गठिया में शामिल पेरिफेरल हेल्पर टी कोशिकाएं (टीपीएच) दो रूपों में मौजूद रहती हैं। स्टेम-लाइक टीपीएच कोशिकाएं जोड़ों के भीतर बने ‘इम्यून हब्स’ यानी टर्शियरी लिम्फोइड स्ट्रक्चर में पाई जाती हैं, जहां ये बी कोशिकाओं को सक्रिय करती हैं और अपनी संख्या बढ़ाती हैं। वहीं इफेक्टर टीपीएच कोशिकाएं, इनसे विकसित होकर जोड़ों के बाहर सूजन और नुकसान का कारण बनती हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर शुरुआती स्तर पर ही स्टेम-लाइक टीपीएच कोशिकाओं को टारगेट किया जाए तो मरीजों को लंबे समय तक राहत मिल सकती है और उनकी जीवन गुणवत्ता बेहतर हो सकती है।

शोधपत्र साइंस इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन को गठिया के इलाज की दिशा में नई उम्मीद माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह खोज भविष्य में ऐसे मरीजों को स्थायी समाधान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।