संस्कृति त्रिवेदी का यूपीएससी में धमाल, ऑल इंडिया रैंक 17 हासिल कर बिहार का नाम किया रोशन

  • Post By Admin on Apr 23 2025
संस्कृति त्रिवेदी का यूपीएससी में धमाल, ऑल इंडिया रैंक 17 हासिल कर बिहार का नाम किया रोशन

जमुई : "हौसले बुलंद हों और दिशा स्पष्ट हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं रहती"—इस कथन को बिहार की बेटी संस्कृति त्रिवेदी ने एक बार फिर सच कर दिखाया है। जमुई जिले की रहने वाली संस्कृति ने 2025 की UPSC सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 17वीं रैंक हासिल कर देशभर में न केवल बिहार का नाम रोशन किया, बल्कि यह साबित किया कि मेहनत और आत्मविश्वास से कुछ भी संभव है।

यह दूसरी बार है जब संस्कृति ने UPSC जैसी कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की है। इससे पहले साल 2022 में उन्होंने ऑल इंडिया 352वीं रैंक प्राप्त की थी।

घर पर रहकर की तैयारी, माता-पिता को दिया श्रेय
संस्कृति त्रिवेदी की इस शानदार सफलता के पीछे न सिर्फ उनकी कठिन मेहनत है, बल्कि उनके माता-पिता का मजबूत सहयोग और विश्वास भी है। पिता आनंद प्रकाश त्रिवेदी और मां सुनीता त्रिवेदी ने हर कदम पर बेटी का हौसला बढ़ाया। संस्कृति ने बताया कि उन्होंने सेल्फ स्टडी के ज़रिए तैयारी की और एक कोचिंग संस्थान की टेस्ट सीरीज का सहारा लिया। उन्होंने घर पर रहकर ही इस चुनौतीपूर्ण परीक्षा को फतह किया।

हर दिन की 15-17 घंटे की मेहनत लाई रंग
संस्कृति ने अपने सफर को साझा करते हुए बताया कि उन्होंने हर दिन 15 से 17 घंटे पढ़ाई की और अपने लक्ष्य पर फोकस रखा। इस दौरान उनकी बड़ी बहन अधिश्री त्रिवेदी ने भी भावनात्मक सहयोग देकर उनका मनोबल बढ़ाया।

शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी रही शानदार
संस्कृति की स्कूली शिक्षा रांची के जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली से हुई, जहां से उन्होंने 10वीं और 12वीं कक्षा पास की। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज से राजनीति शास्त्र में स्नातक करते हुए 2019 में 75% अंक प्राप्त किए।

इलाके में खुशी की लहर, बन रहीं प्रेरणा की मिसाल
संस्कृति की सफलता से न सिर्फ उनका परिवार, बल्कि पूरा जमुई जिला गौरवांवित है। स्थानीय लोगों और शिक्षकों का कहना है कि वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं। संस्कृति ने यह साबित कर दिया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।

बिहार की बेटी ने एक बार फिर दिखा दिया कि असली सफलता आत्मनिर्भरता, अनुशासन और निरंतर मेहनत से ही हासिल होती है।