शिखर सम्मान 2025 : समाज सेवा और दिव्यांग कल्याण के लिए शांति मुकूल को विशेष सम्मान

  • Post By Admin on Sep 01 2025
शिखर सम्मान 2025 : समाज सेवा और दिव्यांग कल्याण के लिए शांति मुकूल को विशेष सम्मान

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर में आयोजित शिखर सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें समाज सेवा, रचनात्मक कार्य और स्थानीय नेतृत्व के क्षेत्र में योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि श्री ब्रजेश कुमार, डीडीसी और उप विकास आयुक्त शिवहर, सुश्री ज्योति सिन्हा, राष्ट्रपति सम्मानित, डॉ. सतीश कुमार साथी (कार्यक्रम संयोजक), पवन कुमार (कार्यक्रम आयोजक), बबलू चौधरी (युवा उद्योगपति) और डॉ. गौरव वर्मा की उपस्थिति रही।

कार्यक्रम में शहर के सक्रिय संगठनों और रचनात्मक हस्ताक्षरों को सम्मानित किया गया। इसी क्रम में श्री मुकूल को उनके समाज सेवा और बहुआयामी योगदान के लिए "शिखर सम्मान 2025" से सम्मानित किया गया। उप विकास आयुक्त शिवहर श्री ब्रजेश कुमार ने श्री मुकूल को प्रशस्ति पत्र और मेमोटों देकर सम्मानित किया।

मुख्य अतिथि ब्रजेश कुमार ने कहा कि शांति मुकूल समाज सेवा और परंपरागत विरासत को बढ़ावा देने में निरंतर तत्पर रहते हैं। उन्होंने बताया कि श्री मुकूल की कर्मठता, दृढ़ता, विनम्रता, सहजता, संकल्पशीलता और उदारता ने उन्हें समाज में दिव्यांग जनों के प्रति एक आदर्श व्यक्तित्व बनाया है। उनके द्वारा जिले और राज्य स्तर पर दिव्यांगों की सेवा में किए गए कार्य अत्यंत सराहनीय हैं और उनके बहुमुखी योगदान ने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद की है।

समारोह में यह भी बताया गया कि श्री मुकूल ने समाज के विभिन्न वर्गों के लिए अनेक रचनात्मक और सामाजिक परियोजनाओं को कार्यान्वित किया है। उनके नेतृत्व में स्थानीय समुदाय ने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहलें देखी हैं। दिव्यांग जनों के लिए उनकी सेवाएं न केवल प्रेरणादायक हैं, बल्कि उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने में भी सहायक रही हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी श्री मुकूल की प्रतिबद्धता और निरंतर सेवा भावना की सराहना की। उन्हें "शिखर सम्मान 2025" से सम्मानित करते हुए उपस्थित सभी लोगों ने उनकी सफलता और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। समारोह के अंत में यह संदेश दिया गया कि समाज सेवा और समर्पण के माध्यम से ही किसी भी व्यक्ति का वास्तविक योगदान स्थापित होता है और श्री शांति मुकूल ने इस आदर्श को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया है।