कठपुतली कलाकार शांति गुप्ता सम्मान से सम्मानित होंगी कांता देवी

  • Post By Admin on Sep 13 2025
कठपुतली कलाकार शांति गुप्ता सम्मान से सम्मानित होंगी कांता देवी

मुजफ्फरपुर : मालीघाट स्थित सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान में शनिवार को आयोजित बैठक में यह घोषणा की गई कि कठपुतली कला के संरक्षण और संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली कांता देवी को कठपुतली कलाकार शांति गुप्ता सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। इस निर्णय की जानकारी संस्थान के संयोजक एवं प्रसिद्ध कठपुतली कलाकार सुनील सरला ने दी। उन्होंने बताया कि यह सम्मान पुरखा पुरनिया संवाद सह सम्मान कार्यक्रम में प्रदान किया जाएगा।

कांता देवी ने अपने वक्तव्य में कहा कि कठपुतली केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं बल्कि सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि कठपुतली जब तक पूरी तरह से टूट-फूट न जाए, तब तक उसे न तो फेंका जाता है और न ही बदला जाता है। टूट जाने की स्थिति में भी उनका विसर्जन किसी पवित्र नदी में विधिवत अनुष्ठानिक संस्कारों के साथ किया जाता है। यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। कठपुतलियों पर प्रयुक्त वस्त्र भी उनके इतिहास का परिचय देते हैं, क्योंकि पुराने वस्त्र हटाए नहीं जाते, बल्कि उनके ऊपर नए वस्त्र चढ़ाए जाते हैं।

कठपुतली कला को विश्वभर में मनोरंजन और संदेश प्रसार का प्रभावशाली माध्यम माना जाता है। इसमें साहित्य, नाटक, अभिनय, संगीत, शिल्पकला और संस्कृति का अनूठा समावेश होता है। विद्वानों के अनुसार कठपुतली कला की उत्पत्ति भारत में हुई और यह महाकाव्यों की विषयवस्तु के साथ अन्य एशियाई देशों में भी प्रसारित हुई। बैठक में परफेक्ट सॉल्यूशन सोसाइटी के सचिव अनिल कुमार ठाकुर, अमन चिल्ड्रेन स्कूल की प्राचार्य बबीता ठाकुर, अदिति ठाकुर, आदित्य राज ठाकुर, डॉ. बसीर सिद्दीकी और शिवम कुमार उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन सरला श्रीवास युवा मंडल की अध्यक्ष सुमन कुमारी ने किया। उन्होंने बताया कि गांधीजी के मधुपुर (झारखंड) आगमन के शताब्दी वर्ष समारोह (2 से 8 अक्टूबर) में मधुपुर के वरिष्ठ समाजसेवी एवं लेखक घनश्याम जी ने संस्थान के कलाकारों को कठपुतली कला प्रदर्शन हेतु आमंत्रित किया है।