बुद्ध पूर्णिमा पर पर्यावरण भारती ने किया पौधारोपण, वृक्षारोपण से दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

  • Post By Admin on May 12 2025
बुद्ध पूर्णिमा पर पर्यावरण भारती ने किया पौधारोपण, वृक्षारोपण से दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

जमुई : बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर पर्यावरण भारती द्वारा जय शगुन वाटिका, महिसौरी में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व पर्यावरण प्रहरी और शिक्षक भास्कर वर्णवाल ने किया। इस मौके पर पर्यावरण भारती के संस्थापक, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रांत संयोजक और अखिल भारतीय पेड़ उपक्रम टोली सदस्य राम बिलास शाण्डिल्य ने कहा कि "पर्यावरण बचाना है, वृक्षारोपण करना है। वृक्ष धरती का श्रृंगार और प्राण का आधार हैं। आओ वृक्ष लगाएँ और पर्यावरण बचाएँ।"

राम बिलास शाण्डिल्य ने वृक्षारोपण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर वृक्षारोपण का विशेष महत्व है। बुद्ध पूर्णिमा, जिसे गौतम बुद्ध जयंती भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन गौतम बुद्ध के आदर्शों जैसे अहिंसा, सत्य और शांति का संदेश फैलाने के साथ ही प्रकृति संरक्षण का भी संकल्प लिया गया।

गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में वैशाख पूर्णिमा के दिन हुआ था और वे भगवान विष्णु के नौवें अवतार माने जाते हैं। इस दिन पीपल वृक्ष के नीचे ध्यान करना पुण्य कार्य माना गया है। भगवान बुद्ध की मृत्यु 80 वर्ष की उम्र में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में हुई थी। पर्यावरण भारती ने इसी अवसर पर वृक्षारोपण करके बुद्ध के शांति और सद्भावना के संदेश को जीवंत किया।

कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा गया कि वृक्ष न केवल धरती का श्रृंगार हैं, बल्कि प्रदूषण के खिलाफ एक सशक्त उपाय भी हैं। वृक्ष वर्षा के आविष्कारक, फल और फूल देने वाले, और जीवन बचाने के आधार हैं।

वृक्षारोपण कार्यक्रम में शिक्षक भास्कर वर्णवाल, प्रोफेसर बलवंत सिंह, अधिवक्ता ओम प्रकाश सिंह, मुरारी प्रसाद वर्णवाल, आशीष कुमार, अरूणेश सिंह, लक्ष्मी नारायण साह, राम बिलास शाण्डिल्य, राज कुमार, सत्यम, शिवम, प्रिंस, अभिमन्यु, गौरव, मिथुन, आयुष, नीतिश सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।

कार्यक्रम के समापन पर उपस्थित सभी लोगों ने वृक्षारोपण को जीवन रक्षा का संदेश मानते हुए अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का संकल्प लिया। आयोजकों ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण का यह संदेश जन-जन तक पहुँचाने की अपील की।