श्रावण में रवि योग और रविवार व्रत का दुर्लभ संयोग, सूर्य कृपा से मिलेगी सफलता और समृद्धि
- Post By Admin on Aug 02 2025

नई दिल्ली : श्रावण मास की दशमी तिथि इस बार एक खास संयोग लेकर आई है। रविवार के दिन रवि योग का शुभ योग बन रहा है, जो ज्योतिष शास्त्र में सौभाग्य और सफलता के द्वार खोलने वाला योग माना जाता है। ऐसे दुर्लभ योग में किए गए धार्मिक अनुष्ठान, व्रत और शुभ कार्य विशेष फलदायी माने जाते हैं।
रवि योग: सफलता के लिए अनुकूल संयोग
ज्योतिष के अनुसार, रवि योग तब बनता है जब चंद्रमा का नक्षत्र सूर्य के नक्षत्र से 4वें, 6ठें, 9वें, 10वें या 13वें स्थान पर आता है। इस दिन सूर्य कर्क राशि में और चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेगा, जो इसे और भी शक्तिशाली बना रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि रवि योग में नया व्यापार, निवेश, यात्रा, शिक्षा और संपत्ति संबंधी निर्णय लेने से सफलता की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाती हैं।
रविवार व्रत: सूर्य देव की विशेष कृपा का दिन
धार्मिक ग्रंथों – अग्नि और स्कंद पुराण के अनुसार, रविवार का व्रत करने से आरोग्य, सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत खासकर उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर या पीड़ित स्थिति में होता है।
रविवार व्रत की विधि:
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ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें
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पूजा स्थल को साफ करके चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाएं
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सूर्य देव की पूजा करें और "ॐ घृणिः सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें
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तांबे के लोटे में जल, अक्षत, फूल और रोली डालकर सूर्य को अर्घ्य दें
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आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें और गुड़ व तांबे का दान करें
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एक समय बिना नमक वाला भोजन करें
क्या करें, क्या न करें
इस दिन काले या नीले रंग के वस्त्र पहनने से बचें। मांस-मदिरा का सेवन, झूठ बोलना, किसी का अपमान करना, तेल मालिश, बाल या दाढ़ी कटवाना और तांबे के बर्तन बेचना वर्जित माना गया है।
व्रत का उद्यापन 12 रविवार व्रत पूर्ण करने के बाद किया जाता है।
मुहूर्त और राहुकाल
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अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:54 बजे तक
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राहुकाल: शाम 5:30 से 7:11 बजे तक
ऐसे शुभ योग और पावन व्रत के संयोग में किए गए उपाय जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सौभाग्य और उन्नति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। आस्था और विधिपूर्वक व्रत करने से सूर्य देव की कृपा बनी रहती है और जीवन में आने वाले कई दोष भी दूर होते हैं।