गरीबी को मात देकर मृदुल आनंद बने नीट 2024 के ऑल इंडिया टॉपर
- Post By Admin on Feb 27 2025

आज आपको एक ऐसे ही अभ्यर्थी की कहानी बताते हैं, जिसने मैट्रिक में 93 फीसदी अंक पाए और नीट की परीक्षा में 720 में से 720 अंक लाकर ऑल इंडिया टॉपर बन गया. कहते हैं, प्रतिभाएं अपना रास्ता खुद-ब-खुद बना लेती हैं. इसी बात को सच साबित किया है मृदुल मान्य आनंद ने. मृदुल वर्ष 2024 की नीट परीक्षा के टॉपर हैं. मृदुल के यहां तक पहुंचने की कहानी काफी दिलचस्प है. इसकी शुरुआत होती है बिहार के भागलपुर से. मूल रूप से बिहार के भागलपुर के रहने वाले मृदुल आनंद के पिता अविनाश आनंद के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, लिहाजा वह नौकरी की तलाश में दिल्ली आ गए और बाद में अपने पूरे परिवार के साथ यहीं रहने लगे. अविनाश एक प्राइवेट कंपनी में आईटी मैनेजर हैं. मृदुल आनंद की पढाई लिखाई दिल्ली से ही हुई।
मृदुल ने मैट्रिक में पाए 93%
मृदुल आनंद ने दसवीं की परीक्षा में भी अच्छा प्रदर्शन किया और उन्होंने मैट्रिक में 93% अंक हासिल किए. लिंक्डिन पर दी गई जानकारी के अनुसार मृदुल मान्य आनंद ने 10वीं तक की पढ़ाई सेंट फ्रांसिस स्कूल इंदिरापुरम से की. इसके बाद उनकी 12वीं की पढ़ाई प्रगति पब्लिक स्कूल से हुई नीट परीक्षा पास करने के बाद अब वह एम्स नई दिल्ली से एमबीबीएस कर रहे हैं. मृदुल ने डॉक्टर बनने का सपना देखा तो परिवार वालों ने भी उनका साथ दिया. दिल्ली में ही उन्होंने नीट की तैयारी की और जब 2024 का रिजल्ट आया, तो वह टॉपर बन गए. ओबीसी वर्ग से आने वाले मृदुल आनंद ने नीट परीक्षा में 99.99 पर्सेंटाइल हासिल किया और इस तरह 720 में 720 अंक लाकर सबको चौंका दिया. 2024 में नीट परीक्षा को लेकर मचे बवाल के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जब दोबारा टॉपर लिस्ट जारी हुई, उसमें भी मृदुल आनंद की रैंक 1 बरकरार रही।
जब मृदुल आनंद के गांव में मना जश्न
नेशनल एंट्रेंस एलिजिबिलिटी टेस्ट (NEET) परीक्षा में मृदुल आनंद के टॉपर बनने के बाद उनके गांव में भी जमकर जश्न मनाया गया. मृदुल आनंद का गांव ओलापुर, भागलपुर के पीरपैंती प्रखंड के अंतर्गत आता है. यहां पर उनके दादा शंभू नाथ यादव रहते हैं, जो पेशे से किसान हैं. एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उस समय उन्होंने पोते की इस उपलब्धि पर खुशी जताई थी और बताया था कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मृदुल के पिता अविनाश आनंद घर छोड़कर दिल्ली चले गए थे और एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने लगे. हालांकि एक अन्य इंटरव्य में मृदुल आनंद ने बताया था कि उनके पिता सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और मां हाउसवाइफ हैं।
बचपन से था मेडिकल साइंस में जाने का सपना
शंभू नाथ ने यह भी बताया था कि मृदुल आनंद बचपन से ही मेडिकल साइंस में जाने का सपना देखता था. वह पढ़-लिखकर मेडिकल साइंस की दुनिया में काफी आगे जाना चाहता है. नीट परीक्षा में टॉप करके उसने देशभर में नाम रोशन कर दिया है. मृदुल आनंद ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बचपन से ही उनकी रुचि मेडिकल साइंस को समझने में रहती थी और वह इसी विषय के साथ आगे बढ़ना चाहते थे।