महाकवि अवधेश्वर अरुण के निधन से हिंदी व बज्जिका साहित्य जगत में शोक की लहर

  • Post By Admin on Jan 27 2023
महाकवि अवधेश्वर अरुण के निधन से हिंदी व बज्जिका साहित्य जगत में शोक की लहर

मुजफ्फरपुर: रामेश्वर सिंह कॉलेज के पूर्व प्राचार्य बज्जिका भाषा के लोकप्रिय कवि प्रो. अवधेशर अरुण सरल हृदय और सुलभ मिलनसार स्वभाव के हंसमुख व्यक्तित्व के स्वामी थे। बज्जिका भाषा में "बज्जिका रामायण", कविताएं "चांदी का जूता" और "सुई शाह का घी" काफी लोकप्रिय और व्यवहारिक यथार्थ के आसपास घूमती कविता है। जिन कविताओं को अक्सर विभिन्न गंभीर अवसरों पर सुना कर माहौल को खुशनुमा कर देने वाले सरस्वती पुत्र का सरस्वती पूजा के दिन निधन से साहित्य व बज्जिका जगत के साथ-साथ कला संस्कृति जगत में शोक की लहर छा गई।

सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान के संयोजक लोक कलाकार सुनील कुमार ने बताया कि वसंत पंचमी के दिन 82 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे हिंदी विभाग के लोकप्रिय अध्यापक थे।विश्वविद्यालय में उन्होंने अध्यक्ष छात्र कल्याण के रूप में भी अपनी अविस्मरणीय सेवाएँ दी थी। वे रामेश्वर महाविद्यालय के कुशल प्राचार्य के रूप में भी जाने जाते थे। बज्जिका रामायण के रचयिता प्रो. अवधेश्वर अरुण काव्यशास्त्र तथा भाषा विज्ञान के मूर्धन्य विद्वान माने जाते थे। महान व्यक्तित्व के धनी महाकवि अवधेश्वर अरुण का व्यक्तित्व और कृतित्व अनुकरणीय प्रेरणादायक एवं अविस्मरणीय रहेगा। सेवादार मंच के अध्यक्ष साई सेवादार अविनाश कुमार ने बताया कि संत कवि अवधेशवर अरुण साहित्य, समाज, एवं धर्म जगत में देश समाज में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई थी।

महाकवि के निधन पर बिहार विधान परिषद के सभापति देवेशचंद्र ठाकुर, सांसद अजय निषाद ने शोक प्रकट करते हुए‌ कहा कि समाज ने एक महान‌ शिक्षाविद को‌‌ खो दिया। जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। उनके निधन पर परफेक्ट सॉल्यूशन सोसाइटी के सचिव अनिल कुमार ठाकुर ने बताया कि बज्जिका में रामायण सहित कई पुस्तकों की रचना के लिए बज्जिका एवं साहित्य जगत उनके योगदान को सदा याद रखेगा। 

सरला श्रीवास युवा मंडल की अध्यक्ष सुमन कुमारी, सचिव अदिति ठाकुर, सरला श्रीवास सोशल कल्चरल रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष धीरज कुमार, संरक्षक उमाशंकर प्रसाद उर्फ बब्लू, विजय मिश्रा, कांता देवी, लोक गायिका अनीता कुमार, पूर्णिमा मिश्रा, ज्योति मिश्रा ने दुःख प्रकट किया।