फिरोजाबाद पुलिस की बड़ी चूक ने जज को ही बना डाला चोर
- Post By Admin on Apr 14 2025

फिरोजाबाद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां एक मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी करने वाली न्यायिक अधिकारी को ही पुलिस ने गलती से आरोपी मान लिया और उसकी तलाश शुरू कर दी। यही नहीं, पुलिस ने इस संबंध में अदालत में रिपोर्ट भी पेश कर दी, जिसमें लिखा गया कि “नगमा खान” नाम की कोई अभियुक्ता संबंधित पते पर नहीं पाई गई।
पूरा मामला थाना उत्तर क्षेत्र से जुड़ा है, जहां अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन फिरोजाबाद नगमा खान की अदालत में एक चोरी और बरामदगी से जुड़ा मामला विचाराधीन है। इस मुकदमे में आरोपी राजकुमार उर्फ पप्पू बार-बार अदालत में हाजिर नहीं हुआ, जिसके चलते न्यायालय ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और फिर कुर्की की कार्यवाही जारी की।
लेकिन जब पुलिस उप निरीक्षक बनवारी लाल को यह वारंट तामील कराने की जिम्मेदारी दी गई, तो उन्होंने या तो दस्तावेज ठीक से नहीं पढ़े या भारी लापरवाही बरती। उन्होंने आरोपी की जगह जज का ही नाम दर्ज कर लिया और उनकी तलाश में जुट गए। बाद में उन्होंने अदालत में रिपोर्ट पेश कर दी कि नगमा खान नाम की कोई अभियुक्ता उनके पते पर नहीं रहती।
इस रिपोर्ट को देखकर स्वयं न्यायिक अधिकारी नगमा खान भी हैरान रह गईं। उन्होंने इसे पुलिस की बेहद गैर जिम्मेदाराना हरकत मानते हुए पूरे मामले को गंभीरता से लिया और आईजी को पत्र लिखकर अवगत कराया। न्यायालय ने इस रिपोर्ट की कॉपी डीजीपी उत्तर प्रदेश और एसपी फिरोजाबाद को भेजने का भी आदेश दिया है। फिलहाल लापरवाह एसआई को लाइन हाजिर कर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
यह घटना न केवल पुलिस की सतर्कता और दस्तावेज़ों को पढ़ने की क्षमता पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कितनी लापरवाही से कभी-कभी कानून के रक्षक खुद ही हास्यास्पद गलतियां कर बैठते हैं। मुकदमे की अगली सुनवाई 26 अप्रैल 2025 को तय की गई है।