राजस्व महा अभियान को लेकर जिला प्रशासन ने दी व्यापक ट्रेनिंग, 16 अगस्त से शुरू होगा विशेष शिविर

  • Post By Admin on Aug 06 2025
राजस्व महा अभियान को लेकर जिला प्रशासन ने दी व्यापक ट्रेनिंग, 16 अगस्त से शुरू होगा विशेष शिविर

लखीसराय : बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा आगामी ‘राजस्व महा अभियान 2025’ की व्यापक तैयारी के तहत आज समाहरणालय स्थित मंत्रणा कक्ष में जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पदाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने की।

प्रशिक्षण में जिले के सभी अंचलाधिकारी, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी, राजस्व अधिकारी एवं राजस्व कर्मचारी उपस्थित रहे। डीएम ने अधिकारियों को अभियान के उद्देश्य, कार्ययोजना और चरणबद्ध क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी दी।

बताया गया कि यह अभियान 16 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक जिले भर में संचालित किया जाएगा। इसका उद्देश्य आमजन की जमीन संबंधी समस्याओं का समाधान पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर घर-घर दस्तावेजों की त्रुटियों को सुधारना है।

अभियान के तहत किए जाएंगे ये प्रमुख कार्य:

  • जमाबंदी में त्रुटि सुधार, जैसे नाम, खाता, खेसरा, रकवा व लगान में संशोधन

  • उत्तराधिकार नामांतरण, रैयत की मृत्यु के बाद वंशावली के आधार पर

  • बंटवारा नामांतरण, आपसी सहमति, कोर्ट या रजिस्टर्ड दस्तावेजों के आधार पर

  • संयुक्त जमाबंदी को अलग-अलग हिस्सों में विभाजित करना

अभियान को तीन चरणों में किया जाएगा:

  • प्रथम चरण: तैयारी एवं पूर्व गतिविधियां

  • द्वितीय चरण: 16 अगस्त से 20 सितंबर तक विशेष शिविरों के माध्यम से दस्तावेज सुधार

  • तृतीय चरण: 21 सितंबर से 30 अक्टूबर तक अनुवर्ती कार्यों का निष्पादन

प्रशिक्षण के दौरान अपर समाहर्ता सुधांशु शेखर, बंदोबस्त पदाधिकारी मो. मुस्तकीम, जिला परिवहन पदाधिकारी मुकुल पंकज मणि, अनुमंडल पदाधिकारी प्रभाकर कुमार, भूमि सुधार उप समाहर्ता सीतू शर्मा, कृषि गणना के सहायक निदेशक अमरेंद्र कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी शशि कुमार, पंचायती राज पदाधिकारी पम्मी रानी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी विनोद प्रसाद सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

डीएम मिथिलेश मिश्र ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अभियान के दौरान हर आवेदन का निष्पक्ष और समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित किया जाए, ताकि लोगों का विश्वास शासन-प्रशासन में बना रहे।

राजस्व महा अभियान को जिले में भूमि सुधार और दस्तावेजीय पारदर्शिता के लिए एक अहम पहल माना जा रहा है।