गरीब परिवारों के घर उजाड़ने के खिलाफ भाकपा-माले और खेग्रामस का विरोध
- Post By Admin on Jun 25 2024

मुजफ्फरपुर : मोतीपुर प्रखंड के नरियार पंचायत के गांव नरियार नवादा के वार्ड नंबर सात में 114 गरीब परिवारों के घरों को बुलडोजर से उजाड़ दिए जाने के विरोध में मंगलवार को भाकपा-माले और खेग्रामस की संयुक्त जांच टीम ने गांव का दौरा किया। टीम में भाकपा-माले के राज्य समिति सदस्य और खेग्रामस बिहार के राज्य सचिव शत्रुघ्न सहनी, भाकपा-माले मुजफ्फरपुर के जिला समिति सदस्य रामनंद पासवान, होरील राय, विरेन्द्र पासवान और वीरबहादूर सहनी शामिल थे।
पीड़ित परिवारों से मुलाकात के बाद हरिसभा चौक स्थित भाकपा-माले के जिला कार्यालय पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में शत्रुघ्न सहनी ने कहा, "भाजपा-जदयू की गरीब विरोधी सरकार को तुरंत बुलडोजर की कार्रवाई रोकनी चाहिए। नरियार नवादा गांव के भूमिहीन गरीब परिवार दशकों से सरकारी जमीन पर रहते आ रहे हैं। गर्मी के इस जानलेवा मौसम में बुलडोजर चलाना अमानवीय और शर्मनाक है। हमारी पार्टी इस अन्याय के खिलाफ सड़क से सदन तक संघर्ष करेगी।"
रामनंद पासवान ने कहा, "नरियार नवादा के गरीबों को भाजपा नेता आदेश कुमार के इशारे पर बेघर किया गया है। यह पूरी तरह अनुचित है। भूमिहीन गरीब अब इस भीषण गर्मी में खुले आसमान के नीचे जीने को मजबूर हैं। सरकार को तुरंत उनके लिए घर की व्यवस्था करनी चाहिए।"
होरील राय ने कहा, "पीड़ित परिवारों की दुर्दशा देखकर हमारी आंखों में आंसू आ गए। सरकार ने माफिया के इशारे पर न केवल गरीबों को बल्कि अपनी निजी जमीन पर घर बनाने वालों को भी बेघर कर दिया। सरकार को उचित मुआवजा देना चाहिए।"
विरेन्द्र पासवान ने चेतावनी दी, "यदि सरकार जल्द ही नरियार नवादा के बेघर लोगों के लिए आवास नहीं देती है, तो हमारी पार्टी राज्य स्तर पर भाजपा-जदयू के खिलाफ निर्णायक आंदोलन करेगी। सरकारी जमीन पर भूमिहीन गरीबों का अधिकार है, जिसे कोई ताकत नहीं छीन सकती।
जांच टीम ने सरकार से सवाल किया कि जानलेवा गर्मी के इस समय में ऐसी क्या मजबूरी थी कि गरीबों को बेघर कर दिया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में चाइल्डसेफ के सचिव जयचंद्र कुमार, कठपुतली कला केंद्र की सचिव प्रीति कुमारी, विंध्यवासनी देवी लोक कला संस्कृति मंच की सचिव अनीता कुमारी, परफेक्ट सोल्यूशन सोसाइटी के सचिव अनिल कुमार ठाकुर, और अन्य सदस्यों ने भी अपनी चिंता व्यक्त की।
शत्रुघ्न सहनी ने कहा, "केंद्र और राज्य में भाजपा-जदयू की सरकार से जनता परेशान है। महंगाई और भ्रष्टाचार चरम पर है। समय आ गया है कि हम गरीब विरोधी सरकार के खिलाफ निर्णायक संघर्ष करें।"
यह विरोध मार्च सरकार की जनविरोधी नीतियों और गरीबों के प्रति उसकी उदासीनता के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। भाकपा-माले और खेग्रामस के नेता और कार्यकर्ता इन गरीब परिवारों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।