आज की पत्रकारिता सत्ता की चेरी : डा. सुधांशु कुमार

  • Post By Admin on Apr 04 2018
आज की पत्रकारिता सत्ता की चेरी : डा. सुधांशु कुमार

कुमारी नीतु :सिमुलतला: जमुई ।

आज की पत्रकारिता जहां सिक्कों की खनक में अपना मूल्य खो चुकी है , व्यक्तिगत हितों की बलिवेदी पर राष्टहित की तिलांजलि दी जा रही है , इस गहन अंधकार में एक भारतीय आत्मा माखनलाल चतुर्वेदी ऐसे अमरदीप की तरह हैं जिन्होंने मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री की कुर्सी ठुकरा कर पत्रकारिता व साहित्य का वरण किया । उक्त बातें बुधवार को सिमुलतला आवासीय विद्यालय में महाकवि माखनलाल चतुर्वेदी की 128 वीं जयंती के अवसर पर महाकवि राम इकबालसिंह राकेश साहित्य परिषद के संयोजक डा. सुधांशु कुमार ने कही । उन्होंने बताया कि जब मध्यप्रदेश का गठन किया गया तो इनके पास उसके प्रथम मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव रखा गया जिसे इन्होंने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि मैं पहले से ही शिक्षक और साहित्यकार होने के नाते ‘देवगुरु’ के आसन पर आसीन हूँ । मेरी पदावनति करके तुमलोग मुझे ‘देवराज’ के पद पर बैठाना चाहते हो ! यह मुझे सर्वदा अस्वीकार है । उनकी इस असहमति के बाद ही रविशंकर शुक्ल को नवगठित मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया । यह उनलोगों के लिए एक ज्वलंत उदाहरण है जो व्यक्तिगत हित की बलिवेदी पर राष्टहित की तिलांजलि देतै हैं और उसकी तनिक भी चिंता नहीं करते । आज जिस प्रकार पत्रकारिता पतनोन्मुख होती जा रही है यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है । माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता को व्यवस्था परिवर्तन का माध्यम मानते थे लेकिन आज यह महज व्यवसाय बनकर रह गयी है । आज की पत्रकारिता सत्ता की चेरी मात्र है । परिषद की सयन्वयक डा. शिप्रा प्रभा ने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी जितने बड़े स्वतंत्रता सेनानी थे उतने ही बड़े पत्रकार और कवि भी थे । स्वागत संबोधन के क्रम में प्रेमनाथ सिंह ने बताया कि हिंदी के प्रति उनका सम्मान स्तुत्य है जिसके कारण 10 दिसंबर 1967 को उन्होंने राजभाषा हिन्दी पर आघात करनेवाले राजभाषा संविधान संशोधन विधेयक के विरोध में पद्मभूषण सम्मान लौटा दिया । हिमतरंगिनी , हिमकिरीटनी , समय के पांव , साहित्य के देवत आदि उनकी कालजयी कृतियाँ हैं । कार्यक्रम के दूसरे सत्र में अंत्याक्षरी प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें प्रथम स्थान दिव्या , द्वितीय स्थान प्रवीण एवं तृतीय स्थान सुषमा कुमारी ने प्राप्त किया ।इस मौके पर आदित्य , रोहित , सुमन , खुशी , मुसकान आदि छात्र -छात्राएं मौजूद थीं । धन्यवाद ज्ञापन विनोद कुमार यादव ने दिया ।