भागलपुर हैंडीक्राफ्ट मेले में चमकी महिला शक्ति, वोकल फॉर लोकल ने बदल दी हजारों घरों की कहानी

  • Post By Admin on Dec 04 2025
भागलपुर हैंडीक्राफ्ट मेले में चमकी महिला शक्ति, वोकल फॉर लोकल ने बदल दी हजारों घरों की कहानी

भागलपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत पहल का असर भागलपुर के हैंडीक्राफ्ट एवं उद्यमी मेले में साफ नजर आ रहा है। सरकारी योजनाओं—स्टार्टअप इंडिया, पीएमएफएमई, मिलेट्स मिशन, खादी इंडिया और ‘विरासत से विकास’—का लाभ लेने वाली महिला उद्यमियों की सफलता की कहानियां यहां हर स्टॉल पर गूंज रही हैं।

कोरोना के कठिन दौर में संघर्ष को अवसर में बदलने वाली मोनिका कुमारी अब मेले की प्रेरक कहानी बन चुकी हैं। उन्होंने आईएएनएस को बताया कि सिर्फ 1500 रुपए से शुरू हुआ उनका व्यवसाय आज सरकारी समर्थन से 1 करोड़ 65 लाख रुपए की वार्षिक कमाई तक पहुंच गया है। मोनिका ने पीएम मोदी के प्रति आभार जताया।

इसी मेले में जीविका दीदी ललिता देवी भी अपनी यात्रा साझा करती हैं—100 रुपए की मजदूरी से शुरू हुआ उनका सफर पीएमएफएमई के तहत मिले 5 लाख के लोन और जीविका समूह की सहायता से आज एक सफल उद्यम बन चुका है। ललिता गर्व से कहती हैं, “पहले मजदूर थी, अब खुद मालकिन हूं।”

मिलेट्स मिशन की मिसाल बनी निकिता कुमारी ने बताया कि मिलेट्स पर पीएम मोदी की अपील से प्रेरणा लेकर उन्होंने कई उत्पाद विकसित किए। आज वे न सिर्फ स्वावलंबी हैं, बल्कि 3 हजार से अधिक महिलाओं को रोजगार देकर एक सामाजिक आंदोलन खड़ा कर चुकी हैं।

कन्नौज से आए हर्बल उद्यमी आलोक राठौर ने भी खादी इंडिया की मदद से अपने व्यवसाय को 50 हजार से बढ़ाकर आज 20 लाख रुपए तक पहुंचाया है। वे 35 लोगों को रोजगार दे रहे हैं और सरकार की स्वदेशी नीति को अपनी सफलता का आधार मानते हैं।

भागलपुर की पहचान मंजूषा पेंटिंग भी मेले में नई रोशनी बिखेर रही है। जीआई टैग मिलने के बाद इस विरासत कला को देशभर में नई पहचान मिली है। मंजूषा कलाकार डॉ. उलूपी झा, जिन्हें स्टेट अवॉर्ड और राष्ट्रपति भवन में ‘100 वूमन अचीवर्स’ सम्मान मिल चुका है, बताती हैं कि अब सैकड़ों महिलाएं इस कला से आय अर्जित कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिला उद्यमियों के प्रति संवेदनशील हैं और आगे और सहयोग की उम्मीद है।

भागलपुर हैंडीक्राफ्ट मेला इस वक्त सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि उन महिलाओं की गाथा बन गया है जिन्होंने सरकारी योजनाओं को अवसर में बदलकर अपनी जिंदगी और समाज दोनों में बदलाव की नई कहानी लिख दी है।