सकरा विधानसभा : 2020 में जदयू की जीत महज 1,537 वोटों से, इस बार नए समीकरणों पर टिकी नजरें

  • Post By Admin on Nov 01 2025
सकरा विधानसभा : 2020 में जदयू की जीत महज 1,537 वोटों से, इस बार नए समीकरणों पर टिकी नजरें

मुजफ्फरपुर : जिले की सकरा विधानसभा सीट बिहार की राजनीति में हमेशा से ‘कांटे की टक्कर’ के लिए जानी जाती रही है। यहां का जनादेश कभी भी किसी एक दल के पक्ष में स्थायी नहीं रहा। साल 2020 का विधानसभा चुनाव इसका ताजा उदाहरण है, जब जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अशोक कुमार चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी उमेश कुमार राम को सिर्फ 1,537 वोटों के मामूली अंतर से हराया था।

यह बेहद करीबी मुकाबला आखिरी राउंड तक रोमांचक बना रहा। इससे पहले 2015 में राजद के लाल बाबू राम ने भाजपा के अर्जुन राम को भारी अंतर से शिकस्त देकर यह सीट अपने नाम की थी। वहीं 2010 में जदयू के सुरेश चंचल ने उसी लाल बाबू राम को बड़े अंतर से मात दी थी।
तीन चुनावों के इस उतार-चढ़ाव भरे इतिहास से साफ है कि सकरा की जनता हर बार नया राजनीतिक समीकरण गढ़ती है और किसी दल को स्थायी समर्थन नहीं देती।

सकरा विधानसभा क्षेत्र मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और समस्तीपुर व वैशाली जिलों की सीमा से सटा हुआ है, जिससे यह राजनीतिक रूप से रणनीतिक इलाका बनता है।

2020 की मतदाता सूची के मुताबिक, यहां लगभग 2 लाख 56 हजार मतदाता हैं। जातीय समीकरण के लिहाज से मुस्लिम और यादव मतदाता यहां की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इनके अलावा राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण, कोइरी, रविदास और पासवान समुदायों का प्रभाव भी चुनावी नतीजे को दिशा देता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में यह सीट फिर से दिलचस्प मोड़ लेने वाली है। महागठबंधन और एनडीए दोनों ही गुट सकरा को ‘हाई-प्रोफाइल’ सीट मानकर अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में हैं।