जीतनराम मांझी ने फतेहपुर को बताया राजनीतिक जन्मभूमि, विकास के लिए किए कई वादे
- Post By Admin on Sep 27 2024

गया : पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने फतेहपुर में एक सम्मान समारोह के दौरान अपने राजनीतिक सफर की कई अहम बातें साझा कीं। उन्होंने बताया कि 1980 में सेंट्रल गवर्नमेंट की नौकरी छोड़कर उन्होंने फतेहपुर से पहली बार चुनाव लड़ा था और विजयी होकर विधायक बने थे। इसके बाद वह लगातार दस वर्षों तक फतेहपुर से विधायक रहे। मांझी ने फतेहपुर की तिलैया ढाढ़र सिंचाई परियोजना के क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की और इसके लिए लिखित पत्र भी सौंपा।
गया में आयोजित इस अभिनंदन समारोह में जीतनराम मांझी ने भावुक होते हुए कहा कि फतेहपुर उनकी "राजनीतिक जन्मभूमि" है और वह अपनी अंतिम सांस तक यहां के लोगों के साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि वह उनकी उम्मीदों और विश्वास पर हमेशा खरा उतरने की कोशिश करेंगे और फतेहपुर के विकास के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। मांझी ने कहा, "आज मैं जो कुछ भी हूं, वो आप सभी के स्नेह, प्यार और आशीर्वाद की वजह से हूं। आप सबकी बदौलत ही मुझे केंद्रीय मंत्री बनने का सौभाग्य मिला है, जिसके लिए मैं आभारी हूं।"
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि पिछले लोकसभा चुनाव में वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे, लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें मजबूर कर दिया। फिर भी जनता के समर्थन और आशीर्वाद से न सिर्फ चुनाव जीते बल्कि केंद्रीय मंत्री का पद भी प्राप्त किया। मांझी ने कहा, "अगर मैं 25 साल पहले चुनाव जीत गया होता, तो गया का विकास आज बहुत आगे होता।"
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने फतेहपुर में डिग्री कॉलेज की स्थापना के लिए भी मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इसे जल्द पूरा करवाने का वादा किया। इस मौके पर भाजपा के कई वरिष्ठ नेता, हम पार्टी के पदाधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। विधायक ज्योति मांझी, पूर्व विधायक डॉ. श्यामदेव पासवान, हम पार्टी के राष्ट्रीय नेता रोमित सिंह और भाजपा की जिला मंत्री वंदना कुमारी सहित कई नेताओं ने भी समारोह को संबोधित किया।