दलित नेताओं को संविधान और लोकतंत्र के हमले पर तोड़नी होगी चुप्पी : डॉ. सुमन

  • Post By Admin on Dec 23 2024
दलित नेताओं को संविधान और लोकतंत्र के हमले पर तोड़नी होगी चुप्पी : डॉ. सुमन

समस्तीपुर : जन संस्कृति मंच के प्रमुख संस्थापक और इंकलाबी जनकवि महेश्वर की जयंती के अवसर पर समारोह सप्ताह (22-31 दिसंबर) का शुभारंभ बीते रविवार को शहर के मालगोदाम चौक स्थित भाकपा माले जिला कार्यालय में हुआ। समारोह की शुरुआत प्रमुख बुद्धिजीवी डॉ. प्रभात कुमार की अध्यक्षता में हुई। जिसमें सांस्कृतिक और राजनीतिक क्रांति के महत्व पर जोर दिया गया।

क्रांतिकारी सांस्कृतिक आंदोलन की आवश्यकता पर बल

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में जसम राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. सुरेंद्र प्रसाद सुमन ने जनकवि महेश्वर के एक प्रसिद्ध गीत “सृष्टि बीज का नाश न हो हर मौसम की तैयारी है/ कल का गीत लिए होंठों पर आज लड़ाई जारी है” को उद्धृत करते हुए कहा कि जनवादी क्रांति के लिए सांस्कृतिक क्रांति अनिवार्य है। उन्होंने कहा, “आज संविधान, संविधान निर्माता डॉ. बी. आर. अंबेडकर और लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। तथाकथित दलित नेता जो संविधान और लोकतंत्र पर हमले पर चुप्प हैं उन्हें समझना होगा कि यह अवसरवादी राजनीति नहीं चल सकती।”

डॉ. सुमन ने आगे कहा, “आपको संविधान, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के पक्ष में खड़ा होना होगा या फिर मनुवादी संविधान लाने की कोशिश कर रहे भाजपा और संघ के पक्ष में खड़ा होना होगा।”

संस्कृति और राजनीति के बीच घनिष्ठ संबंध पर विचार

समारोह के अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. प्रभात कुमार ने कहा कि हमें सिर्फ मार्क्स और लेनिन से प्रेरणा ही नहीं लेनी है बल्कि उनके सपनों को वास्तविकता में बदलने के लिए काम करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जनवादी आंदोलन के साथ-साथ जन सांस्कृतिक आंदोलन भी चलाने की जरूरत है।

“कॉमरेड महेश्वर और कॉमरेड गोरख पांडे जैसे जनकवि कभी मरा नहीं करते। वे आज भी जन आंदोलनों और जनवादी साहित्यिक-सांस्कृतिक आंदोलनों में जीवित हैं,” डॉ. प्रभात कुमार ने अपनी बात समाप्त करते हुए इंकलाबी जनकवि महेश्वर की स्मृति में अपनी कविता “मैं मर नहीं सकता/जब तक हो नहीं जाता हर कवि आज़ाद” सुनाई।

जिला कमिटी का पुनर्गठन और आगामी कार्यक्रमों की घोषणा

इस अवसर पर जन संस्कृति मंच की 13 सदस्यीय जिला कमिटी का पुनर्गठन भी किया गया। सर्वसम्मति से डॉ. प्रभात कुमार को अध्यक्ष और अमलेंदु कुमार को सचिव चुना गया। इसके अलावा रामविलास राय और बिरदेलाल यादव को उपाध्यक्ष, अरविंद आनंद और जसविंदर राम को सह सचिव चुना गया। खुर्शीद खैर, वंदना श्रीवास्तव, दशरथ राम, डॉ. संगीता कुमारी, स्नेहलता कुमारी, विजेंद्र कुमार और प्रविंद कुमार राम को जसम जिला कमिटी के सदस्य के रूप में नामित किया गया।

समारोह में भाकपा माले के जिला सचिव उमेश कुमार, राज्य कमिटी सदस्य बंदना सिंह, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, ललन कुमार समेत दर्जनभर से अधिक जन संस्कृति मंच के नेता-कार्यकर्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर जनकवि गोरख पांडे और साहित्यकार डॉ. सुरेंद्र प्रसाद के पुण्यतिथि मनाने की घोषणा भी की गई।

सांस्कृतिक और राजनीतिक जागरूकता का आह्वान

समारोह के दौरान यह बात प्रमुख रूप से उभरकर आई कि जब तक सांस्कृतिक क्रांति नहीं होगी। तब तक सामाजिक और राजनीतिक बदलाव संभव नहीं है। कार्यक्रम में उपस्थित नेताओं और कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि वे जन संस्कृति मंच के माध्यम से सामाजिक न्याय, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के लिए निरंतर संघर्ष करेंगे।