विविध समाचार
- Post by Admin on Dec 11 2023
एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, क्लाइमेट एक्शन अगेंस्ट डिसइनफॉर्मेशन (सीएएडी) द्वारा किए गए एक व्यापक विश्लेषण ने जलवायु परिवर्तन समाधानों के बारे में प्रचलित विचारधारा में हेरफेर करने के लिए, वैश्विक स्तर पर फ़ौसिल फ्यूल उत्पादन और उपभोग का समर्थन करने वाले समूह द्वारा एक व्यापक और रणनीतिक अभियान चलाये जाने का खुलासा किया है। दरअसल इन भ्रामक प्रयासों का फोकस जलवायु परिवर्तन से read more
- Post by Admin on Dec 09 2023
दो दिन पहले की बात है। कुछ बच्चों से पता चला कि आठ साल का अंकित स्कूल आते समय रास्ते में गिर गया। अंकित को वैसे भी चलने में समस्या है। पूछ ताछ करने पर पता चला कि ठंड की वजह से उसके पैर अचानक से मुड़ जाते हैं और इसी वजह से उसने अपने शरीर पर नियंत्रण खो दिया और वो गिर पड़ा। जब अंकित से उसके हाल पूछे तो बोला, “सर्दियों में पता नहीं क्यों मैं स्कूल आते समय गिर जाता हूँ। सुबह ठंडक होती है न, read more
- Post by Admin on Dec 09 2023
फोस्सिल फ्यूल को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के संबंध में दुबई में COP28 में चल रही चर्चाओं के बीच, सेंटर फॉर फाइनेंशियल अकाउंटेबिलिटी (सीएफए) और क्लाइमेट ट्रेंड्स द्वारा किए गए एक हालिया विश्लेषण से प्रोजेक्ट फायनेंसिंग के लिए उधार देने में एक ख़ास बात का पता चला है। दरअसल भारत में कोयला बिजली संयंत्र साल 2022 में, लगातार दूसरे साल, प्रोजेक्ट फायनेंसिंग के लिए उधार हासिल read more
- Post by Admin on Dec 08 2023
जहां एक ओर जलवायु से जुड़ी चिंताएँ बढ़ रही हैं और सरकारों की प्राथमिकता में यह विषय शामिल हो रहा है, वहीं, एक परेशान करने वाले घटनाक्रम में पता चल रहा है कि जलवायु संरक्षण के लिए काम कर रहे कार्यकर्ताओं और संगठनों के खिलाफ हिंसा एक आम चलन बनती जा रही है। इस बात का पता चला क्लाइमेट एक्शन अगेंस्ट डिसइनफॉरमेशन (सीएएडी) की ताज़ा रिपोर्ट से। एक जनवरी 2022 से 30 नवंबर 2023 के बीच की तस्वीर पेश करती इस read more
- Post by Admin on Dec 07 2023
इन दिनों चल रहे COP28 के मौक़े पर जारी ग्लोबल टिपिंग पॉइंट्स रिपोर्ट- दुनिया की तबाही और बर्बादी की कगार पर पहुँचने की दास्तान बयान करती है। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि ग्लोबल वार्मिंग ने इस धरती पर मौजूद सभी समुद्री और ज़मीनी सिस्टम (प्रणालियों) को नष्ट होने की कगार पर ला खड़ा किया है और अगर हालात जल्दी नहीं बदले तो वह दिन दूर नहीं जब यह नष्ट हो जायेंगी और इनके साथ साथ समुद्र और ज़म read more
- Post by Admin on Dec 06 2023
फॉसिल फ्यूल से वैश्विक स्तर पर होने वाले एमिशन में वर्ष 2023 में एक बार फिर उछाल आया है और अब यह रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट की विज्ञान टीम के एक नये शोध में यह बात सामने आयी है। ग्लोबल कार्बन बजट के सालाना अनुमान के मुताबिक वर्ष 2023 में 36.8 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) के एमिशन का अनुमान लगाया है। यह वर्ष 2022 के मुकाबले 1.1 बिलियन टन ज्यादा है। यूरोप और अमेर read more
- Post by Admin on Dec 06 2023
जलवायु संबंधी चिंताओं को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में, संयुक्त अरब अमीरात और अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO) ने हाइड्रोजन उत्पादन से ग्रीनहाउस गैस एमिशन को मापने के लिए COP28 में एक पद्धति की शुरुआत की है। लेकिन इसके साथ एक विवाद को भी जन्म मिल गया है। दरअसल कुछ विशेषज्ञों का तर्क है कि यह पद्धति अनजाने में, फ़ोस्सिल फ्यूल से प्राप्त हाइड्रोजन को, क्लीन हाइड्रोजन की तर read more
- Post by Admin on Dec 04 2023
एक प्रमुख वैश्विक अर्थशास्त्र कंसल्टेंसी, कैंब्रिज इकोनोमेट्रिक्स की एक हालिया रिपोर्ट, तेल और गैस की कीमतों में वृद्धि की स्थिति में, रिन्यूबल एनर्जी का रुख करने में तेजी लाने के महत्वपूर्ण वित्तीय लाभों को रेखांकित करती है। इस अध्ययन में न ऊर्जा मूल्य महंगाई के झटकों के आर्थिक असर पर विचार किया गया है बल्कि 2022/23 में बने ऊर्जा संकट, जिसका वैश्विक मूल्य स्तरों पर व्या read more
- Post by Admin on Dec 04 2023
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के स्मिथ स्कूल ऑफ एंटरप्राइज एंड द एनवायरनमेंट की एक हालिया रिपोर्ट से पता चलता है कि 2050 के आसपास नेट ज़ीरो एमिशन हासिल करने के लिए कार्बन कैप्चर एंड स्टोरेज (सीसीएस) पर बहुत अधिक निर्भर रहने की महत्वपूर्ण आर्थिक लागत हो सकती है। अध्ययन से पता चलता है कि नेट ज़ीरो के लक्ष्य के लिए इस दिशा में जाना, रिन्यूबल एनेर्जी, एनेर्जी एफ़िशियेनसी और विद्युतीकरण के रास्ते read more
- Post by Admin on Dec 04 2023
अस्पतालों पर एक नया खतरा मंडरा रहा है और यह खतरा लाई है बदलती जलवायु। जी हाँ, चरम मौसम की घटनाएँ अस्पतालों को बंद तक करा सकती हैं। दरअसल क्रॉस डिपेंडेंसी एनालिसिस (एक्सडीआई) द्वारा आज जारी एक नई रिपोर्ट के अनुसार, यदि दुनिया के तमाम देश फॉसिल फ्यूल एमिशन पर अंकुश लगाने में विफल रहते हैं, तो दुनिया भर में हर 12 अस्पतालों में से 1 पर जलवायु परिवर्तन के चलते होने व read more