शिक्षक राष्ट्र की धुरी : डॉ. सुधीर कुमार
- Post By Admin on Sep 05 2024
पटना: शिक्षक राष्ट्र की धुरी होते हैं और किसी भी राष्ट्र की उन्नति का मुख्य आधार शिक्षक ही होते हैं। यह विचार वृहस्पतिवार को पीटीईसी मसौढी में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में मसौढी के प्रख्यात चिकित्सक एवं एन एम सीएच में प्राध्यापक डॉ. सुधीर कुमार ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शिक्षण महज एक पेशा नहीं, बल्कि यह सबसे बड़ी राष्ट्र सेवा है और शिक्षक वास्तव में राष्ट्रनिर्माता होते हैं।
डॉ. सुधीर कुमार ने अपने संबोधन में कहा, "जिस देश के जैसे शिक्षक होते हैं, वैसी ही शिक्षा और जैसे शिक्षा होती है, वैसा ही देश होता है। सर्वोत्तम दान शिक्षा दान होता है।" इस अवसर पर, डॉ. सुधीर कुमार और सेवानिवृत्त प्रख्यात शिक्षक कृष्ण सिंह को प्राचार्या डॉ. श्वेता सोनाली और डॉ. सुधांशु कुमार द्वारा शाल और डायरी से सम्मानित किया गया।
कृष्ण सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि छोटे-छोटे देशों ने समृद्धि के शिखर पर पहुंचने के लिए अपनी शिक्षा व्यवस्था को पहले मजबूत किया। उन्होंने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
पूर्व प्रभारी प्राचार्य डॉ. उपेन्द्र कुमार ने भी शिक्षकों को व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में शुचिता बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अपने शिक्षण को राष्ट्रसेवा और समाज कल्याण का माध्यम बनाना चाहिए।
महाविद्यालय के अकादमिक प्रमुख और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी व्यंग्यकार डॉ. सुधांशु कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन के दौरान कहा कि बिहार ने कभी भारत को विश्वगुरु के पद पर आसीन किया था, लेकिन आज यह शिक्षा के सबसे निचले पायदान पर है। उन्होंने शिक्षक समुदाय से अपील की कि वे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर पूरी तन्मयता और समर्पण के साथ अपने दायित्वों को निभाएं।
डॉ. सुधांशु कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा एससीईआरटी के तत्वावधान में किए जा रहे प्रयास बिहार की शिक्षा व्यवस्था के लिए शुभ संकेत हैं। उन्होंने शिक्षकों को विचारशील, नवाचारी और सृजनशील बनने की सलाह दी ताकि वे बच्चों को बेहतर नागरिक बनाने में योगदान कर सकें।
इस अवसर पर महाविद्यालय की व्याख्याता शशिबाला कुमारी, मिनाक्षी कुमारी, सीमा कुमारी, रानी कुमारी, जयपाल कुमार, मौसम कुमारी, मधुलता कुमारी, जितेंद्र कुमार और प्रशिक्षु पवन, नीरज, मोहित ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। सभी ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षकों की भूमिका बढ़ गई है और उनके पास बेहतर समाज के लिए योग्य नागरिक तैयार करने की जिम्मेदारी है।
इस कार्यक्रम में व्याख्याता रश्मि कुमारी, सीमा कुमारी, मीनाक्षी कुमारी, डॉ. रानी कुमारी के साथ सभी शिक्षकेतर कर्मी भी उपस्थित रहे।