तुम तो ठहरे परदेशी साथ क्या निभाओगे... गाकर मैथिली ठाकुर ने बांधा समां

  • Post By Admin on Feb 21 2025
तुम तो ठहरे परदेशी साथ क्या निभाओगे... गाकर मैथिली ठाकुर ने बांधा समां

पूर्वी चंपारण : तीन दिवसीय केसरिया महोत्सव के प्रथम दिन सांस्कृतिक संध्या में सुप्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने कई गीत गाकर शमा बांध दिया। उन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरुआत बुद्ध वंदना से की। उनकी प्रस्तुति शरणागत बुद्ध तथागत तुम करुणा बरसाने वाले हो... को लोगों ने खूब सराहा। पद्मश्री शारदा सिन्हा को याद करते हुए मैथिली ने पनिया के जहाज से पलटनीया बनी अईह पिया लेले अईह हो... गाया तो दर्शकों ने खूब तालियां बजाईं।

उनके द्वारा प्रस्तुत की गई सोहर गीत जुग जुग जिअ तू ललनवा भवनवा के भाग जागल हो..... को गाकर ग्रामीण परिवेश की याद दिलाई। आज मिथिला नगरिया निहाल सखियां चारो दुलहा में बड़का कमाल सखियां गाकर दर्शकों को खूब झुमाया। तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी, मोहब्बत की राहों में आकर देखो गाकर युवा दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। तुम तो ठहरे परदेशी साथ क्या निभाओगे पर दर्शक झूमने को मजबूर हो गए। जईसन सोचले रही ओईसन पियवा मोर बाड़न सावर ना गोर बाड़न हो पर लोग झूमते रहे। मेरे झोपड़ी के भाग आज जाग जायेंगे राम आयेंगे.... गाकर मैथिली ने दर्शकों को भक्ति रस से दर्शकों को सराबोर कर दिया। मैथिली के गीत पर दर्शक देर रात तक तक झूमते रहे।