हिन्दी बोलियों का समुच्चय है, इसे बचाना जरुरी : डॉ . पंकज
- Post By Admin on Mar 18 2018

पटना: बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के द्विदिवसीय अधिवेशन 17-18 मार्च 2018 में दूसरे दिन ‘हिन्दी भाषा एवं साहित्य की उन्नति के संबंध में प्रस्ताव एवं विचार ‘विषय पर डॉ संजय पंकज ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि ‘हिन्दी बोलियों का समुच्चय है अत:भारतीय बोलियों को हर कीमत पर बचाने की कोशिश होनी चाहिए । हमारे पूर्वजों ने जो भाषा -संस्कृति विकसित करते हुए विरासत में हमें सौंपी है उसे संभाल कर भावी पीढ़ी को सौंप देना हमारा नैतिक दायित्व है ।हिन्दी का अहित सोशल मीडिया और मीडिया के अन्य माध्यमों ने बाजार के दबाव में काफी हद तक किया ।
इस सत्र का उद्घाटन डॉ शिवदास पांडेय ने दीप प्रज्वलित करके किया और कहा कि भाषा संस्कृति और अस्मिता की विराट पहचान होती है ।हिन्दी समृद्ध भाषा है और भारत की व्यापक पहचान है । वही अध्यक्षता नृपेन्द्र नाथ गुप्त ने की ।