थाने में शराब पीते हुए दारोगा का वीडियो वायरल, कहा गर्मी में शरबत पी रहे थे

  • Post By Admin on Jan 11 2025
थाने में शराब पीते हुए दारोगा का वीडियो वायरल, कहा गर्मी में शरबत पी रहे थे

जहानाबाद : बिहार में पूर्ण रूप से शराब बंदी होने के बावजूद लोगों के शराब के साथ वीडियोज सामने आते रहते है। इस बार वीडियो में कोई आम आदमी नहीं बल्कि खुद एक दारोगा साहब का शराब पीते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस वीडियो में सिकरिया थाना में तैनात सब-इंस्पेक्टर फकीरा प्रसाद शराब पीते हुए नजर आ रहे हैं। जबकि बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून लागू है। यह वीडियो देखते ही पुलिस महकमे में खलबली मच गई है।

वीडियो में क्या था ?

वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि सब-इंस्पेक्टर फकीरा प्रसाद के सामने एक टेबल पर शराब से भरे तीन ग्लास और फ्रूट चाट रखे हुए हैं। यह वीडियो कथित रूप से विशुनगंज थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है। वीडियो में दारोगा फकीरा प्रसाद के साथ बैठी हुई अन्य व्यक्ति का चेहरा तो नहीं दिख रहा है, लेकिन उनका व्यवहार शराब के सेवन का इशारा कर रहा है।

पुलिस महकमे में मच गई खलबली

वीडियो के वायरल होने के बाद डीएसपी संजीव कुमार ने मामले का संज्ञान लिया और कहा कि यह वीडियो जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति की पहचान सब-इंस्पेक्टर फकीरा प्रसाद के रूप में हुई है, जो पहले विशुनगंज थाना में तैनात थे और वर्तमान में सिकरिया थाना में पदस्थापित हैं। जांच के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह वीडियो कब और कहां का है और इसकी वैधता क्या है। उन्होंने यह भी बताया कि जांच के बाद उचित कार्यवाही की जाएगी।

दारोगा की सफाई- “गर्मी के दिन थे, शरबत पी रहे थे”

इस घटना के बाद एसआई फकीरा प्रसाद का बयान भी सामने आया है, जो लोगों के लिए हास्यास्पद साबित हो रहा है। दारोगा ने सफाई देते हुए कहा कि कुछ गेस्ट उनके पास आए थे और गर्मी के दिन थे, इसलिए वे सभी शरबत पी रहे थे। उनका कहना था कि यह शराब नहीं बल्कि शरबत था। हालांकि वीडियो में स्पष्ट रूप से शराब का सेवन करते हुए दिखाया गया है।

शराबबंदी कानून की अवहेलना

बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद पुलिस अधिकारियों का इस तरह का व्यवहार स्थिति की गंभीरता को और बढ़ा देता है। शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए, ताकि आम जनता को यह संदेश जाए कि कानून का पालन हर किसी को करना चाहिए, चाहे वह पुलिसकर्मी हो या नागरिक।