हत्या या मौत के बीच संशय बरकरार : आठ माह बाद भी रक्सौल रेल पुलिस ने नहीं दर्ज की एफआईआर
- Post By Admin on Jul 08 2024

मुजफ्फरपुर : रक्सौल रेलवे स्टेशन पर सवारी गाड़ी के शौचालय में मिली लाश के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मोतिहारी के एसपी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। आयोग ने निर्देश दिया है कि आठ सप्ताह में जांच की कार्रवाई पूरी कर याचिकाकर्ता को सूचित किया जाए।
विदित हो कि पूर्वी चम्पारण जिले के पिपरा थाना अंतर्गत चकबारा बखरी निवासी पूनम कुमारी ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के. झा के माध्यम से आयोग में याचिका दायर की थी। पूनम ने याचिका में आरोप लगाया कि उनके पिता, स्वर्गीय मदन कुमार प्रसाद, की नवंबर 2023 में हत्या कर दी गई थी। बावजूद इसके, रक्सौल रेल पुलिस ने उनके आवेदन पर आठ महीने बीत जाने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की।
पूनम कुमारी ने बताया कि उनके पिता 25 नवंबर को मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन से घर के लिए रवाना हुए थे लेकिन 26 नवंबर की रात को परिवार को सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि उनके पिता का शव रक्सौल रेल पुलिस के कब्जे में है।
परिजनों का आरोप है कि रक्सौल रेल पुलिस ने उन्हें सादे कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिया और पोस्टमार्टम के नाम पर पैसों की उगाही की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मदन कुमार प्रसाद की मृत्यु का कारण सिर पर 'ब्लंट ऑब्जेक्ट' से प्रहार बताया गया है।
मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस.के. झा ने कहा कि रक्सौल रेल पुलिस मामले को दबाने का प्रयास कर रही है और अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। उन्होंने अविलम्ब प्राथमिकी दर्ज कर जांच की मांग की है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर मोतिहारी के एसपी को जांच का जिम्मा सौंपा गया है और मामले की निष्पक्ष जांच की उम्मीद जताई गई है।