रामदयालु स्मृति दिवस पर शिक्षण और संघर्ष के महान प्रतीक रामदयालु बाबू को दी गई श्रद्धांजलि
- Post By Admin on Nov 29 2024

मुजफ्फरपुर : रामदयालु बाबू स्मृति दिवस के अवसर पर रामदयालु सिंह महाविद्यालय में गुरुवार को एक विशेष व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। जिसमें प्रमुख वक्ता के रूप में डॉ. अरुण कुमार सिंह ने रामदयालु बाबू के जीवन और उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं ने रामदयालु बाबू के जीवन के विविध पहलुओं पर चर्चा की और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
डॉ. अरुण कुमार सिंह ने अपने व्याख्यान में कहा कि रामदयालु बाबू न केवल एक सच्चे गांधीवादी थे, बल्कि उन्होंने शिक्षा, राजनीति और समाजसेवा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने अपने समय में शिक्षा के प्रसार के लिए कई मिडिल स्कूलों की स्थापना की और स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 1923 में मुजफ्फरपुर नगरपालिका के उपाध्यक्ष और बाद में जिला परिषद के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। रामदयालु बाबू ने नमक सत्याग्रह के दौरान शिवहर में गिरफ्तारी दी थी और उनकी अपील पर हजारों की भीड़ ने अहिंसा के मार्ग पर चलने का निर्णय लिया था।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. अजमत अली ने रामदयालु बाबू के जीवन पर शोध प्रस्तुत किया और उनके राष्ट्रीय स्तर पर किए गए योगदान पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने रामदयालु बाबू के राजनीतिक और सामाजिक संघर्षों के बारे में बताया। वहीं डॉ. एम एन रजवी ने रामदयालु बाबू को त्याग की प्रतिमूर्ति बताते हुए कहा कि उनका जीवन हमेशा ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता का प्रतीक रहेगा।
प्रो. विजय कुमार ने रामदयालु बाबू और महात्मा गांधी के संबंधों और उनके आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी को रेखांकित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. अनिता सिंह ने कहा कि रामदयालु बाबू के आशीर्वाद से महाविद्यालय लगातार प्रगति कर रहा है और महाविद्यालय परिवार हमेशा उनका सम्मान और प्रेरणा लेते रहेगा।
इस अवसर पर रामदयालु बाबू स्मृतिका का लोकार्पण भी किया गया। जिसमें डॉ. सुभाष चंद्र, डॉ. अरुण कुमार सिंह, डॉ. सौरभ राज और अन्य शिक्षकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके साथ ही रामदयालु स्मृति वाटिका में दो दर्जन से अधिक आयुर्वेदिक पौधे लगाए गए।
कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. अनुराधा पाठक ने किया। जबकि स्वागत भाषण डॉ. आर एन ओझा और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सौरभ राज ने प्रस्तुत किया। इस समारोह में महाविद्यालय के शिक्षकगण, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं, पूर्ववर्ती छात्र, साहित्यकार और समाजसेवी उपस्थित थे। जिन्होंने रामदयालु बाबू के जीवन और कृतित्व को स्मरण किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।