सावित्रीबाई फुले व फातिमा शेख के संघर्षों को किया गया याद

  • Post By Admin on Jan 07 2025
सावित्रीबाई फुले व फातिमा शेख के संघर्षों को किया गया याद

समस्तीपुर : महिला शिक्षा और सामाजिक न्याय की अग्रदूत सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख की संयुक्त जयंती समारोह सोमवार को ताजपुर के मोतीपुर वार्ड 27 में आयोजित किया गया। इस अवसर पर ऐपवा (आल इंडिया प्रगति महिला संघ) की जिला अध्यक्ष बंदना सिंह ने अपने संबोधन में इन दो महान समाज सुधारकों के संघर्ष और योगदान पर प्रकाश डाला।

बंदना सिंह ने कहा कि सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख ने महिलाओं को शिक्षित करने में न केवल समाज के विरोध का सामना किया, बल्कि व्यक्तिगत अपमान और प्रताड़ना को भी सहा। उन्होंने बताया कि किस तरह समाज के पितृसत्तात्मक व्यवस्था और पुरोहितों द्वारा सावित्रीबाई फुले को घर से निकाल दिया गया, लेकिन फुले और शेख ने अपनी शिक्षा का प्रसार जारी रखा। यहां तक कि सावित्रीबाई फुले पर घर-घर जाकर महिलाओं को पढ़ाने के दौरान कीचड़ और गोबर फेंका जाता था, लेकिन वे कभी नहीं डरीं। 

इस जयंती समारोह के दौरान, उपस्थित महिलाओं और पुरुषों ने इन दोनों शिक्षिकाओं की तस्वीर पर माल्यार्पण किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बंदना सिंह ने आगे कहा, “आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबरी की भूमिका निभा रही हैं, चाहे वह विमान उड़ाना हो, चांद पर जाना हो, या विज्ञान और राजनीति में योगदान देना हो। यह सब संभव हुआ है सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख के संघर्षों और मार्गदर्शन के कारण। 

आज जब महिला उत्पीड़न, दहेज हत्या, बलात्कार और अन्य सामाजिक कुरीतियों का सामना हो रहा है, तो हमें इनकी शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प लेना चाहिए।” समारोह में बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ-साथ भाकपा माले के नेता भी उपस्थित थे। जिनमें राजदेव प्रसाद सिंह, शंकर सिंह, ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह और सुरेंद्र सिंह प्रमुख थे। समारोह में एक प्रस्ताव पारित किया गया। जिसमें 9 मार्च को पटना के गांधी मैदान में भाकपा माले द्वारा आयोजित महाजुटान में बड़ी भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया।