सरैया अस्पताल की जमीन बचाने के लिए गठित हुई संघर्ष समिति
- Post By Admin on Dec 09 2024

मुजफ्फरपुर : जिले के सरैया में सरकारी अस्पताल की जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जा किए जाने के विरोध में चल रहे आंदोलन को व्यापक समर्थन मिल रहा है। इस संदर्भ में रविवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया स्मारक महाविद्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले के सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी लोग एकजुट हुए और अस्पताल की जमीन को बचाने की दिशा में सशक्त संघर्ष का संकल्प लिया।
बैठक की अध्यक्षता जेपी आंदोलन के प्रमुख साथी और गंगा मुक्ति आंदोलन के नेता अनिल प्रकाश ने की। इस दौरान वरिष्ठ समाजवादी नेता लक्ष्मण देव प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकारी अस्पताल की जमीन पर कब्जा करना घृणित कार्य है और इसके खिलाफ सशक्त लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि वह सरकारी संपत्तियों की रक्षा करे और भूमाफियाओं को संरक्षण देना बंद करे।
पूर्व विश्वविद्यालय शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता प्रोफेसर भारती सिन्हा ने प्रशासन की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “प्रशासन सत्ताधारी दल और भूमाफियाओं के सहयोगी की भूमिका निभा रहा है। सरकारी संपत्ति की रक्षा करने के बजाय प्रशासन आंदोलनकारियों पर झूठे मुकदमे दर्ज कर रहा है और आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रहा है।”
बैठक में ‘सरैया अस्पताल की जमीन बचाओ संघर्ष समिति, मुजफ्फरपुर’ का गठन किया गया। इस समिति का अध्यक्ष मंडल वरिष्ठ समाजवादी लक्ष्मण देव प्रसाद सिंह, अनिल प्रकाश, प्रोफेसर भारती सिन्हा और सुरेंद्र कुमार (पूर्व सचिव, गांधी शांति प्रतिष्ठान) होंगे। समिति की समन्वयक के रूप में प्रोफेसर भारती सिन्हा को नियुक्त किया गया।
बैठक में विभिन्न संगठनों और कार्यकर्ताओं ने अपने विचार साझा किए। प्रमुख वक्ताओं में अधिवक्ता ललितेश्वर मिश्र, कुमार मदन (नेवी से सेवानिवृत्त), अरुण कुमार सिंह (एसयूसीआई-सी के राज्य सचिव), सूरज कुमार सिंह (भाकपा माले), भूप नारायण सिंह (एमसीपीआई-यू), जगदीश प्रसाद गुप्ता (सीपीआई), ट्रेड यूनियन नेता मोहम्मद इदरीश, प्रमोद कुमार (ऑल इंडिया किसान फेडरेशन), मदन प्रसाद (अखिल भारतीय किसान सभा), विजय कुमार (एआईडीएसओ), दीपक कुमार सिंह (एआईएसए) और राज किशोर राम (सीपीआईएमएल न्यू डेमोक्रेसी) शामिल रहे।
इस आंदोलन को राष्ट्रीय युवा योजना, बागमती संघर्ष मोर्चा, बिहार शोध संवाद, किसान संगठनों, युवा संगठनों, छात्र संगठनों, कर्मचारी संगठनों और संस्कृति कर्मियों का भी समर्थन प्राप्त हुआ है। बैठक में सभी ने एकजुट होकर सरैया अस्पताल की जमीन पर कब्जे के प्रयासों का विरोध किया और इसे बचाने के लिए आंदोलन को निर्णायक स्तर तक पहुंचाने का संकल्प लिया।