बीपीएससी 70वीं परीक्षा को लेकर छात्र संगठनों का जोरदार प्रदर्शन

  • Post By Admin on Dec 31 2024
बीपीएससी 70वीं परीक्षा को लेकर छात्र संगठनों का जोरदार प्रदर्शन

समस्तीपुर : बीपीएससी 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में हुए अनियमितताओं और प्रश्न पत्र लीक के खिलाफ बीते सोमवार को जिले में छात्र संगठनों द्वारा आहूत चक्का जाम आंदोलन ने शहर के ओवरब्रिज चौराहा को घंटों जाम कर दिया। इस आंदोलन में आइसा, आरवाईए और एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। जिससे समस्तीपुर से दरभंगा जाने वाली मुख्य सड़क पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। इस चक्का जाम के कारण यातायात व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो गई और राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

प्रदर्शनकारियों ने बिहार सरकार से बीपीएससी 70वीं परीक्षा को रद्द करने और पुनः परीक्षा आयोजित करने की मांग की। साथ ही, अभ्यर्थियों पर दर्ज किए गए मुकदमे वापस लेने और लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की भी मांग की। आइसा जिला सचिव सुनील कुमार और आरवाईए जिला सचिव रौशन कुमार की अध्यक्षता में हुई सभा को संबोधित करते हुए आरवाईए जिला सचिव रौशन कुमार ने कहा कि बीपीएससी अभ्यर्थियों का शांतिपूर्ण आंदोलन सरकार की उपेक्षा के कारण हिंसक रूप ले रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और बीपीएससी ने अभ्यर्थियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया और उनके खिलाफ बर्बर लाठीचार्ज किया।

रौशन कुमार ने कहा, “सरकार को चाहिए कि 70वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द कर पुनः परीक्षा आयोजित करे और जो पुलिस अधिकारी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज में शामिल थे, उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए।” आइसा के जिला प्रभारी सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने भी इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रशांत किशोर ने छात्र आंदोलन को अपनी राजनीतिक छवि सुधारने का जरिया बना लिया है। उन्होंने कहा, “प्रशांत किशोर केवल सत्ता के चाटुकार हैं, जिन्होंने छात्र आंदोलन को हाइजैक किया और फिर पुलिस की लाठी खाने के बजाय खुद भाग खड़े हुए।” आंदोलनकारियों ने यह भी कहा कि बीपीएससी जैसी प्रतियोगिता परीक्षाओं में लगातार पेपर लीक और अनियमितताएं हो रही हैं। जिससे छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सोनू कुमार की आत्महत्या का भी जिक्र किया और सरकार से मुआवजा देने की मांग की क्योंकि सोनू कुमार बीपीएससी परीक्षा में हुए घोटाले से बेहद परेशान थे। आंदोलन में भाग लेने वाले प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं में आइसा-आरवाईए-एसएफआई के सदस्य जैसे दरख़्शॉ जवी, राहुल राय, नवीन कुमार, नीतीश राणा, अनिल कुमार, मो. फैयाज, संजीव कुमार, गोलू, गौतम कुमार और भाकपा माले के उपेन्द्र राय, जयंत कुमार शामिल थे।