श्रीलंकाई नौसेना ने 14 मछुआरों को किया गिरफ्तार, भारत-श्रीलंका समुद्री विवाद फिर गर्माया
- Post By Admin on Aug 06 2025

चेन्नई : भारत और श्रीलंका के बीच चल रहे समुद्री विवाद ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। बुधवार तड़के श्रीलंकाई नौसेना ने तमिलनाडु के 14 मछुआरों को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) पार करने के आरोप में कालपितिया लैगून क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। मछुआरे दो नावों पर सवार थे—एक पर 10 और दूसरी पर 4 मछुआरे मौजूद थे।
नौसेना के शिविर में ले जाकर की गई पूछताछ
गिरफ्तार किए गए मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना ने पुट्टलम स्थित अपने नौसैनिक शिविर में पूछताछ के लिए रखा है। इस कार्रवाई को लेकर तमिलनाडु के तटीय इलाकों में एक बार फिर रोष और चिंता का माहौल है।
लगातार दोहराई जा रही घटनाएं
यह कोई नई घटना नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु और पुडुचेरी के मछुआरों को गिरफ्तार करने की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं। कई बार मछुआरों की नावें जब्त की गई हैं और उन्हें राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर लिया गया है, जिससे मछुआरा समुदाय की आजीविका पर गहरा संकट खड़ा हो गया है।
राजनयिक स्तर पर सक्रिय हुई तमिलनाडु सरकार
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन इस मुद्दे को कई बार केंद्र सरकार के सामने उठा चुके हैं। हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर गिरफ्तार मछुआरों की रिहाई और जब्त नावों की वापसी सुनिश्चित करने की मांग की थी।
मछुआरों की शिकायतें और बढ़ता डर
तमिलनाडु के मछुआरों ने श्रीलंकाई नौसेना पर बार-बार उत्पीड़न, गोलीबारी और हिंसक झड़पों के आरोप लगाए हैं। इन घटनाओं के कारण समुद्र में उतरने से पहले मछुआरों के मन में भय और असुरक्षा का भाव बढ़ता जा रहा है। मछुआरा समुदाय का कहना है कि उच्च शक्ति वाली ट्रॉलिंग नावों की जब्ती और भारी जुर्माने से उनका आर्थिक संतुलन बिगड़ गया है।
स्थायी समाधान की मांग
राज्य सरकार और मछुआरा संगठनों ने केंद्र से मांग की है कि इस जटिल मसले पर राजनयिक स्तर पर स्थायी समाधान निकाला जाए, ताकि सीमा पर मछुआरों की आजीविका सुरक्षित रह सके और क्षेत्रीय तनाव को रोका जा सके।
हालिया गिरफ्तारी के बाद फिर बढ़ा दबाव
गिरफ्तारी की इस ताज़ा घटना ने भारत-श्रीलंका संबंधों में एक बार फिर कूटनीतिक तनाव को जन्म दिया है। तमिलनाडु सरकार इस मुद्दे पर जल्द कार्रवाई की मांग कर रही है, जबकि मछुआरों के परिवार उनकी जल्द रिहाई को लेकर आशंकित और आंदोलित हैं।