सेम्मोझी क्लासिकल लैंग्वेज पार्क जनता के लिए खुला, पौधों की जानकारी अब क्यूआर स्कैन पर

  • Post By Admin on Dec 11 2025
सेम्मोझी क्लासिकल लैंग्वेज पार्क जनता के लिए खुला, पौधों की जानकारी अब क्यूआर स्कैन पर

चेन्नई : तमिलनाडु के कोयंबटूर में तैयार सेम्मोझी क्लासिकल लैंग्वेज पार्क अब आम जनता के लिए खोल दिया गया है। 208.50 करोड़ रुपये की लागत से 45 एकड़ क्षेत्र में विकसित यह विश्वस्तरीय पार्क तमिल भाषा की समृद्ध शास्त्रीय परंपरा और आधुनिक अनुभवों का अनोखा मेल पेश करता है। गांधीपुरम के ऐतिहासिक जेल ग्राउंड पर विकसित यह पार्क 25 नवंबर को मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन द्वारा उद्घाटित किया गया था।

पार्क का भव्य प्रवेश द्वार और आकर्षक कास्केडिंग वॉटरफॉल आगंतुकों का स्वागत करते हैं। अंदर प्रवेश करते ही थीम आधारित हरित क्षेत्रों की श्रृंखला पार्क को और भी विशिष्ट बनाती है। इनमें क्लासिकल लैंग्वेज फॉरेस्ट, एरोमैटिक फॉरेस्ट, फाइव-फोल्ड फॉरेस्ट, फ्लावर फॉरेस्ट, पज़ल फॉरेस्ट, शैडो फॉरेस्ट और हेल्थ फॉरेस्ट शामिल हैं। संगम साहित्य में वर्णित चंपा वृक्ष के लिए विशेष क्षेत्र पार्क की सांस्कृतिक गहराई को और बढ़ाता है।

सबसे आकर्षक स्थलों में विस्तृत रोज गार्डन शामिल है, जहाँ 1,000 से अधिक किस्मों के गुलाब सजे हुए हैं। इसके साथ हर्बल गार्डन और वुडलैंड जोन प्रकृति प्रेमियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।

टेक्नोलॉजी के उपयोग से आगंतुकों के अनुभव को और समृद्ध किया गया है। पार्क में लगाए गए क्यूआर कोड्स के जरिए हर पौधे और पेड़ की जानकारी मोबाइल पर तुरंत उपलब्ध हो जाती है। साथ ही 500 सीटों वाला ओपन-एयर थिएटर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का केंद्र बनेगा।

आधुनिक सुविधाओं की बात करें तो ओपन-एयर जिम, वॉकिंग ट्रैक, 100 से अधिक स्टोन बेंचेस और आकर्षक लाइटिंग पूरे परिसर को एक अनूठी पहचान देते हैं। बच्चों के लिए सक्षम-हितैषी खेल क्षेत्र इसे परिवारों के लिए और भी उपयुक्त बनाता है।

पार्क के प्रवेश शुल्क को आम लोगों की जेब पर हल्का रखा गया है। वयस्कों के लिए 15 रुपये और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए 5 रुपये। नियमित वॉकर्स के लिए मासिक पास 100 रुपये में उपलब्ध है। फोटोग्राफी और शूटिंग के लिए भी पार्क ने अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए हैं।

सेम्मोझी क्लासिकल लैंग्वेज पार्क रोज सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक आगंतुकों के लिए खुला रहेगा, और आने वाले दिनों में यह कोयंबटूर का एक प्रमुख पर्यटन और सांस्कृतिक केंद्र बनने की उम्मीद रखता है।