रतन टाटा की वसीयत में शांतनु नायडू को मिला खास तोहफा
- Post By Admin on Apr 02 2025

जमशेदपुर : भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा की वसीयत को लेकर कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने अपनी संपत्ति में से करीब 3800 करोड़ रुपये दान कर दिए हैं। इसके अलावा, उनकी वसीयत में उनके करीबी लोगों का भी नाम शामिल है, जिन्हें अच्छी-खासी संपत्ति या तोहफे दिए गए हैं।
शांतनु नायडू, जो रतन टाटा के सबसे करीबी लोगों में से एक माने जाते हैं, को भी वसीयत में हिस्सा मिला है। शांतनु नायडू टाटा ट्रस्ट में डिप्टी मैनेजर हैं और रतन टाटा के निजी सहायक भी रह चुके हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रतन टाटा ने शांतनु नायडू को उनके स्टार्टअप ‘गुडफेलोज’ में हिस्सेदारी दी है। इसके अलावा, उनका एजुकेशन लोन भी माफ कर दिया गया है।
शांतनु नायडू का जन्म 1993 में पुणे, महाराष्ट्र में एक तेलुगु परिवार में हुआ था। उन्होंने सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली और फिर कॉर्नेल विश्वविद्यालय से एमबीए किया। वह 2017 से टाटा ट्रस्ट के साथ जुड़े हुए हैं और टाटा समूह में जनरल मैनेजर के रूप में कार्यरत हैं।
शांतनु नायडू को समाज सेवा और पशु कल्याण में गहरी रुचि है। उन्होंने ‘मोटोपॉज’ नामक संस्था की स्थापना की, जो सड़कों पर घूमने वाले कुत्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष डेनिम कॉलर बनाती है।
रतन टाटा द्वारा दान की गई संपत्ति में उनकी व्यक्तिगत संपत्ति का बड़ा हिस्सा शामिल है। इसमें टाटा संस की 0.83% हिस्सेदारी भी है, जिसका इस्तेमाल टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन जैसे चैरिटी संगठनों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, उनकी संपत्तियों में शामिल मुंबई के जुहू में 13,000 वर्गफुट में बना बंगला, अलीबाग का बंगला और 350 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट का ज्यादातर हिस्सा परोपकारी कार्यों के लिए दान कर दिया गया है।