आरवाईए का संभल हत्याकांड और पूजा स्थल अधिनियम 1991 की सख्त अनुपालन की मांग को लेकर मार्च
- Post By Admin on Dec 02 2024

मुजफ्फरपुर : रविवार को आरवाईए (रिपब्लिकन यूथ एक्शन) द्वारा संभल हत्याकांड के खिलाफ और पूजा स्थल अधिनियम 1991 को सख्ती से लागू करने की मांग को लेकर एक विरोध मार्च निकाला गया। यह मार्च माले जिला कार्यालय स्थित हरीसभा चौक से शुरू होकर कल्याणी चौक तक पहुंचा। जहाँ सभा आयोजित की गई। मार्च में आरवाईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम सहित कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया और संभल हत्याकांड के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
आरवाईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संभल में जो राज्य प्रायोजित हिंसा हुई। उसके लिए सीधे तौर पर योगी सरकार जिम्मेदार है और इसे दंडित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस घटना में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए और उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना चाहिए ताकि मृतकों के परिवारों को न्याय मिल सके।
आफताब आलम ने यह भी कहा कि संभल में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को योगी सरकार की शह मिल रही है। उन्होंने मांग की कि संभल के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में रिटायर जज से कराई जाए और इस मामले में सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
सभा के दौरान माले नगर सचिव सूरज कुमार सिंह ने पूजा स्थल अधिनियम 1991 के उल्लंघन पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार और अराजक तत्वों के प्रयासों को सख्ती से रोका जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ तत्व पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन करके सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
आरवाईए के नेताओं ने मृतक परिवारों को ₹20 लाख मुआवजा देने और सरकारी नौकरी की गारंटी देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने निर्दोष मुस्लिम युवकों की गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए उन्हें बिना शर्त रिहा करने की मांग की।
इंसाफ मंच के मुजफ्फरपुर जिला अध्यक्ष फहद जमां ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार की पुलिस उपचुनाव के दौरान मुस्लिम वोटरों को धमकाकर वोट देने से रोक रही थी। उनका कहना था कि योगी सरकार की नफरत फैलाने की नीति के तहत इस तरह की घटनाएं हो रही हैं और अब अजमेर जैसे स्थानों पर भी ऐसी घटनाओं को अंजाम देने की तैयारी हो रही है।
आरवाईए के जिला सचिव, एडवोकेट मुकेश पासवान ने कहा कि सरकार और उसके अधिकारियों के संलिप्तता की जांच होनी चाहिए। यदि सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो वे सड़कों पर संघर्ष तेज करेंगे। इस अवसर पर आरवाईए के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं जैसे दीपक कुमार, एजाज अहमद, मोहम्मद खालिद, शफीकुर्रहमान, मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद आबीद और मोहम्मद इमरान भी उपस्थित थे।