तिरहुत साहित्य उत्सव-2024 की तैयारी शुरू

  • Post By Admin on Sep 27 2024
तिरहुत साहित्य उत्सव-2024 की तैयारी शुरू

मुजफ्फरपुर : राष्ट्रभाषा हिंदी और भारतीय भाषाओं के विकास के प्रति समर्पित साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था राष्ट्रकवि दिनकर अकादमी के तत्वाधान में "तिरहुत साहित्य उत्सव-2024" का आयोजन तीन दिवसीय कार्यक्रम के रूप में मुजफ्फरपुर और तिरहुत प्रक्षेत्र के विभिन्न जिलों में किया जाएगा। इस उत्सव में प्रदेश की नौ भाषाओं के विद्वानों को आमंत्रित किया गया है, जो संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, मैथिली, भोजपुरी, बज्जिका, अंगिका और मगही भाषाओं पर अपने विचार साझा करेंगे।

यह निर्णय छोटी सरैयागंज स्थित श्री नवयुवक समिति ट्रस्ट भवन में आयोजित राष्ट्रकवि दिनकर अकादमी की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता विद्वत परिषद के अध्यक्ष और पूर्व कराधीक्षक देवेंद्र कुमार ने की। इस अवसर पर उत्सव को सफल बनाने के लिए 11 सदस्यीय आयोजन समिति का गठन किया गया, जिसमें अकादमी के निदेशक आचार्य चंद्र किशोर पाराशर को संयोजक और साहित्यकार डॉक्टर शिव बालक राय प्रभाकर एवं कथाकार देवेंद्र कुमार को सहसंयोजक नियुक्त किया गया।

आयोजन समिति में विभिन्न जिम्मेदारियों का भी निर्धारण किया गया है। डॉक्टर हरीकिशोर सिंह और डॉक्टर महेंद्र प्रियदर्शी को मीडिया प्रभारी, कवित्री सविता राज और मुस्कान केसरी को प्रचार प्रभारी, युवा कवि उमेश राज और युवा समाजसेवी अनिल कुमार को जनसंपर्क प्रभारी, साहित्यकार शुभ नारायण शुभंकर तथा सुमन कुमार मिश्रा को सत्र नियोजन प्रभारी, और मंचीय व्यवस्था का प्रभार सत्यम पाराशर एवं राघवेंद्र राज राघव को सौंपा गया है।

इस उत्सव के संरक्षक के रूप में राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर भगवान लाल साहनी, बिहार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉक्टर प्रसून कुमार राय और लंगट सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ ओम प्रकाश राय को नियुक्त किया गया है।

आचार्य चंद्र किशोर पाराशर ने बताया कि "तिरहुत साहित्य उत्सव" का आयोजन हर वर्ष विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से किया जाता है, और इसमें सरकारी निधि का उपयोग नहीं किया जाता है। 28 सितंबर को हाजीपुर में "तिरहुत साहित्य उत्सव-2024" का वैशाली सोपान आयोजित किया जाएगा, जिसमें उद्घाटन वाजपेई सरकार के पूर्व मंत्री डॉक्टर संजय पासवान करेंगे और मुख्य अतिथि के रूप में डॉ अनिल सुलभ भाग लेंगे।

इस अवसर पर दिनकर साहित्य पर चर्चा के साथ विभिन्न भाषाओं की सृजन यात्रा पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे, और सर्वभाषा कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही, विभिन्न भाषाओं में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले साहित्यकारों को "राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर साहित्य साधना सम्मान" प्रदान किया जाएगा।

तिरहुत साहित्य उत्सव का समापन 1 अक्टूबर को महाविद्यालय परिसर स्थित आचार्य कृपलानी सभागार में भव्य रूप से होगा। उद्घाटन मुजफ्फरपुर लोकसभा के सांसद और जल संसाधन विकास मंत्री डॉक्टर राज भूषण चौधरी करेंगे। इस अवसर पर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति और विभिन्न विधायकों को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।

आचार्य पाराशर ने बताया कि इस उत्सव में साहित्यिक कृतियों का लोकार्पण, दिनकर साहित्य पर व्याख्यान और भारतीय भाषाओं की दशा और दिशा पर चर्चा भी आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही, स्वर्गीय ठाकुर विनय कुमार शर्मा की स्मृति में गद्य और पद्य विधाओं के रचनाकारों को साहित्य साधना सम्मान दिया जाएगा।

आयोजन समिति ने यह भी निर्णय लिया है कि साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाली मुजफ्फरपुर की विभिन्न संस्थाओं और सामाजिक सरोकार रखने वाले व्यक्तियों को "राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति सम्मान" प्रदान किया जाएगा।

बैठक के अंत में, आयोजन समिति के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार ने कहा कि अगर साहित्यकारों और साहित्य प्रेमियों का सहयोग जारी रहा, तो भविष्य में तिरहुत प्रमंडल के सभी जिलों में "तिरहुत साहित्य उत्सव" के अलग-अलग सोपानों का आयोजन संभव होगा, और मुजफ्फरपुर को बिहार की साहित्यिक सांस्कृतिक राजधानी के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।

इस बैठक में डॉक्टर भगवान लाल साहनी, डॉक्टर रमेश केजरीवाल, डॉक्टर मिंटू शर्मा, डॉक्टर हरीकिशोर सिंह, शुभ नारायण शुभंकर, सुमन कुमार मिश्रा, अनिल अनल, अभय कुमार, सविता राज और अन्य साहित्यकार उपस्थित थे।