नदियों की पंचायत : नदियों को अविरल और निर्मल बहने दो
- Post By Admin on Sep 06 2024

मुजफ्फरपुर : सिकंदरपुर स्थित बापू पुस्तकालय में 11 सितंबर को 'नदियों की पंचायत' का आयोजन किया जाएगा। इस पंचायत का उद्देश्य बागमती, गंडक, लखनदेई, अधवारा समूह की नदियों और अन्य नदियों की स्थिति पर चर्चा करना है, जो सदियों से जन जीवन को संजीवनी प्रदान करती आ रही हैं
विकास के नाम पर बन रहे तटबंध, बराज, फैक्ट्रियां, मिलें और थर्मल पावर स्टेशनों से बह रहे जहरीले कचरे के कारण नदियों की जीवनदायिनी विशेषताएं खतरे में हैं। नदियों पर निर्भर नाविक, मल्लाह, किसान, और अन्य लोग आजीविका और सांस्कृतिक संकट का सामना कर रहे हैं। इसके साथ ही, गंगा और उससे जुड़ी नदियों को विदेशी कंपनियों के हाथ में सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो मल्लाहों को नदियों से खदेड़ने की चाल चल रही है।
यह नदी पंचायत इन मुद्दों पर चर्चा करने और नदी मुक्ति अभियान की शुरुआत करने के लिए बुलाई गई है। संगठनों के प्रतिनिधि इन मुद्दों पर अपने विचार रखेंगे और समाधान की दिशा में कदम उठाएंगे।
इस कार्यक्रम का आयोजन नरेश सहनी, अनिल प्रकाश, रामबाबू आनंद पटेल, और सुनील सरला द्वारा किया जा रहा है। मीडिया सलाहकार के रूप में प्रोफेसर विजय कुमार, राम जयसवाल, राजेंद्र पटेल, डॉक्टर हरेन्द्र कुमार, चंदेश्वर राम, आनंद पटेल, काले खान, संगीता सुभाषिणी, शाहिद कमाल, बैजू रजक, नीरज, राकेश साहू, टी. पी. सिंह, राम लखेंद्र यादव, डॉक्टर उमेश चंद्र, ठाकुर देवेंद्र सिंह, जितेंद्र यादव, नवल सिंह, जगन्नाथ पासवान, मोनाजिर हसन, अनिल गुप्ता, जयचंद्र कुमार, प्रीति कुमारी, संतोष सारंग, और डॉक्टर हेमनारायण विश्वकर्मा शामिल हैं।