महाकुंभ 2025 में अब श्रद्धालुओं को नहीं चलना पड़ेगा पैदल, ओला ने निकाली जुगाड़

  • Post By Admin on Jan 21 2025
महाकुंभ 2025 में अब श्रद्धालुओं को नहीं चलना पड़ेगा पैदल, ओला ने निकाली जुगाड़

प्रयागराज : महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए राहत की खबर है। प्रमुख राइड-हेलिंग कंपनी ओला ने महाकुंभ के साथ साझेदारी की है। जिससे अब तीर्थयात्रियों को कुंभ क्षेत्र में यात्रा करने में कम परेशानी होगी। ओला ने इस दौरान ग्रीन मोबिलिटी का एक अहम कदम उठाया है। जिसके तहत श्रद्धालुओं को अब पैदल चलने की आवश्यकता नहीं होगी और वे कम खर्च में यात्रा कर सकेंगे।

ओला ने की ग्रीन मोबिलिटी की शुरुआत

ओला ने सोमवार को घोषणा की कि वह महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में आयोजित होने वाले इस धार्मिक आयोजन में भाग लेने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए अपनी इलेक्ट्रिक स्कूटर सेवाएं प्रदान करेगा। इन स्कूटर्स को मेला क्षेत्र में तैनात किया जाएगा ताकि तीर्थयात्रियों को सस्ती और टिकाऊ राइड मिल सके। ओला ने 1,000 इलेक्ट्रिक स्कूटरों को मेला क्षेत्र में तैनात किया है, जो यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जल्दी और आसानी से पहुंचाने में मदद करेंगे।

कम खर्च में आरामदायक यात्रा का विकल्प

अब तक महाकुंभ के दौरान कई श्रद्धालुओं ने कुंभ क्षेत्र में यात्रा करने के लिए निजी वाहनों का इस्तेमाल किया था। जिसमें उन्हें अधिक किराया चुकाना पड़ता था। लेकिन ओला की इस पहल से श्रद्धालुओं को कम खर्च में इलेक्ट्रिक स्कूटर के जरिए यात्रा करने का मौका मिलेगा। यह ग्रीन मोबिलिटी का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो न केवल यात्रियों को सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि प्रदूषण में भी कमी लाएगा।

मनमानी किराए पर रोक, कम होगी भीड़-भाड़

महाकुंभ के दौरान कुछ स्थानों पर वाहनों के लिए मनमानी किराए की शिकायतें सामने आई थीं। जिसके कारण श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। ओला के इस कदम से अब श्रद्धालुओं को राइडिंग की ज्यादा चिंता नहीं होगी और वे कम कीमत में इलेक्ट्रिक स्कूटर से यात्रा कर सकेंगे। इसके अलावा, इस पहल से कुंभ क्षेत्र में भीड़-भाड़ को कम करने में मदद मिलेगी। जिससे यातायात भी सुचारू रूप से चलेगा।

ओला की ग्रीन मोबिलिटी से पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर

ओला द्वारा कुंभ क्षेत्र में इलेक्ट्रिक स्कूटर सेवा शुरू करने से पर्यावरण को भी फायदा होगा। इन इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल से प्रदूषण में कमी आएगी, क्योंकि पारंपरिक वाहनों से होने वाला ध्वनि और वायु प्रदूषण अब नहीं होगा। यह कदम महाकुंभ के आयोजन में एक स्थायी समाधान प्रदान करेगा और अन्य शहरों के लिए एक मॉडल साबित हो सकता है।