नीतीश कुमार का बड़ा दांव: बिहार में बनेगा सफाई कर्मचारी आयोग, ट्रांसजेंडर प्रतिनिधि भी होंगे शामिल
- Post By Admin on Jul 27 2025

पटना : आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बिहार की राजनीति में हलचल तेज होती जा रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को एक बड़ा सामाजिक फैसला लेते हुए राज्य में ‘बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग’ के गठन की घोषणा की है। इसे सफाई कर्मचारियों के सामाजिक सम्मान और कल्याण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मुझे खुशी है कि बिहार में सफाई कर्मचारियों के हितों की रक्षा और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए आयोग का गठन किया जा रहा है।” उन्होंने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में सरकार की गंभीर प्रतिबद्धता करार दिया।
आयोग की प्रमुख विशेषताएं:
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आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और पांच सदस्य होंगे।
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इसमें एक महिला या ट्रांसजेंडर प्रतिनिधि की मौजूदगी अनिवार्य होगी।
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यह आयोग सफाई कर्मचारियों की शिकायतों के निवारण, अधिकारों की रक्षा, पुनर्वास व सामाजिक उत्थान से जुड़े कार्यों की निगरानी करेगा।
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सरकार को नीतिगत सुझाव देने के साथ-साथ कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी भी करेगा।
नीतीश कुमार ने इस फैसले को “सफाई कर्मचारियों के सम्मान और उनके बेहतर भविष्य की दिशा में मजबूत कदम” बताया है।
चुनाव से पहले सामाजिक आधार को साधने की कोशिश?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला बिहार में सफाई कर्मचारी समुदाय को साधने की रणनीति का हिस्सा है, जो शहरी व ग्रामीण निकायों में एक महत्वपूर्ण सामाजिक वर्ग के रूप में देखा जाता है। आयोग का गठन सामाजिक समावेशन और कल्याण के वादों को मजबूत करने वाला कदम माना जा रहा है।
विपक्ष ने बताया "चुनावी लॉलीपॉप"
वहीं, विपक्ष ने इसे चुनावी हथकंडा करार दिया है। राजद प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “15 वर्षों में सफाई कर्मचारियों की स्थिति नहीं सुधरी, अब चुनाव के ऐन मौके पर आयोग की घोषणा महज वोट बटोरने की कोशिश है।”
फिलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि इस ऐलान का कितना राजनीतिक और सामाजिक असर बिहार की जमीनी राजनीति में दिखाई देता है।