बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को मिली रफ्तार : संसद में रेल मंत्री ने बताई टाइमलाइन और खर्च की पूरी तस्वीर

  • Post By Admin on Jul 23 2025
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को मिली रफ्तार : संसद में रेल मंत्री ने बताई टाइमलाइन और खर्च की पूरी तस्वीर

नई दिल्ली : देश की बहुप्रतीक्षित मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में एक अहम अपडेट दिया है। उन्होंने बताया कि इस हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट के गुजरात खंड (वापी से साबरमती) को दिसंबर 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा, जबकि पूरी परियोजना को दिसंबर 2029 तक चालू करने का लक्ष्य है।

गुजरात और महाराष्ट्र के लिए अलग-अलग समयसीमा
रेल मंत्री ने लोकसभा में लिखित उत्तर के माध्यम से बताया कि परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा —

  • गुजरात सेक्शन: वापी से साबरमती तक का हिस्सा 2027 के अंत तक तैयार होगा।

  • पूरा कॉरिडोर: मुंबई से साबरमती तक का 508 किमी लंबा पूरा हाई-स्पीड ट्रैक 2029 के अंत तक चालू होने की उम्मीद है।

परियोजना की खास बातें:

  • कुल लंबाई: 508 किलोमीटर

  • राज्य: गुजरात, महाराष्ट्र और दादरा-नगर हवेली

  • स्टेशनों की संख्या: 12 (मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती)

वित्तीय ढांचा और जापान का सहयोग
इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत ₹1,08,000 करोड़ रुपये है। इसमें से

  • ₹88,000 करोड़ (81%) की राशि जापान की इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) द्वारा ऋण के रूप में दी जा रही है।

  • शेष ₹20,000 करोड़ (19%) भारत सरकार और राज्यों द्वारा संयुक्त रूप से वहन किए जाएंगे, जिसमें रेल मंत्रालय: 50% वहीं, महाराष्ट्र और गुजरात सरकार: 25-25% का योगदान देंगी।

देश के लिए गेम-चेंजर साबित होगी बुलेट ट्रेन
रेल मंत्री ने कहा कि यह परियोजना देश के परिवहन क्षेत्र में तकनीक, गति और गुणवत्ता के मामले में एक मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने भरोसा जताया कि जापान की तकनीकी सहायता से भारत की पहली हाई-स्पीड रेल सेवा भविष्य के स्मार्ट ट्रांसपोर्ट की दिशा में बड़ा कदम होगी।

विपक्ष के सवालों पर भी प्रतिक्रिया
विपक्ष द्वारा बार-बार डेडलाइन बढ़ाए जाने को लेकर उठाए गए सवालों के बीच, मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि "परियोजना की प्रगति भूमि अधिग्रहण, तकनीकी ट्रायल और निर्माण कार्य के हिसाब से चरणबद्ध रूप से आगे बढ़ रही है।"

अब देश को बुलेट की रफ्तार का इंतजार है और अगर तय समयसीमा पर निर्माण पूरा होता है तो भारत 2030 में हाई-स्पीड रेल युग में प्रवेश कर जाएगा।