जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन की कवि गोष्ठी सम्पन्न, देश-दुनिया के मुद्दों पर गूंजे काव्य स्वर

  • Post By Admin on Jun 29 2025
जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन की कवि गोष्ठी सम्पन्न, देश-दुनिया के मुद्दों पर गूंजे काव्य स्वर

लखीसराय : स्थानीय प्रभात चौक स्थित होटल भारती के सभागार में आज जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन की ओर से एक भावपूर्ण कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामबालक सिंह ने की, जबकि संचालन सम्मेलन के सचिव देवेंद्र सिंह 'आज़ाद' ने किया।

गोष्ठी में जिले के कई चर्चित कवियों और साहित्यकारों ने भाग लिया और समसामयिक विषयों, समाजिक बदलावों और राजनीतिक विडंबनाओं पर अपनी रचनाओं के माध्यम से विचार प्रस्तुत किए। उद्घाटन काव्य पाठ करते हुए देवेंद्र सिंह 'आज़ाद' ने वर्तमान लोकतांत्रिक व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा— "पहले चुनाव जनतंत्र की आत्मा था, अब यह केवल श्रृंगार बनकर रह गया है।"

अन्य कवियों की रचनाएं भी गोष्ठी का आकर्षण रहीं—
अंकित सिंह वत्स ने वर्षा ऋतु की कोमलता को अपनी कविता "मन हरसे रसे सरसे बरसे, नीलांबर बदरा घिर कारी" में पिरोया।
सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने राजनीति पर गहराते संकट को रेखांकित करते हुए कहा— "दल के दलदल से बच जाना ही समझदारी है।"
दशरथ प्रसाद महतो की रचना "श्रीमान की ओर बढ़ रही मौत का साया, भोजन की थाली में जहर कहां से आया?" ने श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया।
अरविंद कुमार भारती ने अशिक्षा और अज्ञानता को देश के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया अपनी रचना "देश जगाओ, देश बचाओ" में।
मुन्द्रिका सिंह की कविता "सोफिया तुझे भारत करता सलाम" में महिला सशक्तिकरण की आवाज बुलंद हुई।
बलजीत कुमार की रचना "आज मेरी दृष्टि जहां जाती है, इंसान कम गिद्ध ज्यादा दिखाई देते हैं" ने समाज के बदलते मूल्यों पर सवाल उठाया।
राजेश्वरी प्रसाद सिंह ने कविता "छोड़ राजनीति, हिंदी पर निष्पक्ष भाव लहराने दो" में भाषा के सम्मान की वकालत की।
शिवदानी सिंह बच्चन ने "वर्षा ऋतुओं की रानी है, आंधी-पत्थर-कादो-पानी है" जैसी रचना से ऋतु-सौंदर्य का चित्रण किया।
गुलशन कुमार सिंह ने "आज का इंसान कैसा हो रहा है" के माध्यम से आधुनिक समाज के पतन को शब्द दिए।
रामबालक सिंह ने हल्के-फुल्के अंदाज में कटाक्ष करते हुए कहा— "मैं साधु अलवत्ता भैया, राम नाम के बदले दारू तारी गटगट कर पी जाता।"

कार्यक्रम में नवलकंड पत्रिका के प्रधान संपादक अरविंद कुमार भारती और संपादक राजेश्वरी प्रसाद सिंह ने सभी कवियों से पत्रिका के आगामी अंक के लिए रचनाएं आमंत्रित कीं, ताकि शीघ्र प्रकाशन संभव हो सके।

इस आयोजन में गणेश प्रसाद सिंह, अर्जुन पंडित, संजीत कुमार, अविनाश कुमार सहित कई साहित्य प्रेमियों का सराहनीय योगदान रहा।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन जिला संगठन मंत्री अरविंद कुमार भारती द्वारा किया गया।

कवि गोष्ठी में हिंदी साहित्य की विविध छवियों और चिंतन ने माहौल को भावपूर्ण और विचारोत्तेजक बना दिया।