बाबा गरीबनाथ महोत्सव 2025 : भक्ति, आस्था और संस्कृति से सराबोर हुआ मुजफ्फरपुर

  • Post By Admin on Jul 20 2025
बाबा गरीबनाथ महोत्सव 2025 : भक्ति, आस्था और संस्कृति से सराबोर हुआ मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर : कांवरियों और शिवभक्तों के आस्था का केंद्र बन चुका बाबा गरीबनाथ महोत्सव इस वर्ष भव्यता और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। बाबा गरीबनाथ सेवा समिति द्वारा दर्शनीया धर्मशाला, कफेन में आयोजित इस ऐतिहासिक आयोजन में हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।

महोत्सव का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ, जिसमें केंद्रीय राज्य मंत्री राजभूषण निषाद, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा, मंत्री केदार गुप्ता, दिनेश चंद्र राय, अमर पासवान, शत्रुघन चौरसिया, निर्मला साहू, मोनालिसा, संजय पंकज, बेबी कुमारी, मुकेश त्रिपाठी, सोनू सिंह, डॉ. अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा और सुगंध कुमार जैसे विशिष्ट अतिथियों ने हिस्सा लिया।

पहली बार कांवरिया पथ में गूंजे सुनील छैला बिहारी के बोलबम

इस बार की खास पेशकश रही प्रसिद्ध लोकगायक सुनील छैला बिहारी की प्रस्तुति, जिन्होंने अपने भक्ति गीतों से समूचे वातावरण को शिवमय कर दिया। उनके गाने शुरू होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ ‘हर हर महादेव’ के जयकारों के साथ झूम उठी। मुजफ्फरपुर कांवरिया पथ पर यह पहली बार था जब सुनील छैला बिहारी की प्रस्तुति ने हजारों शिवभक्तों को मंत्रमुग्ध किया।

भक्ति के साथ सेवा भी बनी आयोजन की पहचान

डॉ. अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा, जो मिशन भारती रिसर्च इंफॉर्मेशन सेंटर और बिहार गुरु के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जानकारी दी कि इस वर्ष भी कांवरियों के लिए विश्राम, भोजन-प्रसाद और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा की समुचित व्यवस्था की गई थी। यह सेवाएं हर सोमवारी से पूर्व शनिवार और रविवार को उपलब्ध रहेंगी ताकि भक्तों को कोई कठिनाई न हो।

आयोजन को सफल बनाने में जुटे दर्जनों शिवभक्त

महोत्सव की सफलता के पीछे बी. एन. सिंह, डॉ. संजय पंकज, सोनू सिंह, अम्बिका सिंह, मुकेश त्रिपाठी, सलटु सिंह, टुनटुन दादा, लालबाबू सिंह, टुटु सिंह जैसे समर्पित कार्यकर्ताओं की भूमिका उल्लेखनीय रही। इन सभी ने दिन-रात एक कर आयोजन को ऐतिहासिक और यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

बाबा गरीबनाथ सेवा समिति ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अगले वर्ष भी इसी उत्साह और भक्ति भाव के साथ महोत्सव में भाग लें, ताकि यह आयोजन लगातार नई ऊंचाइयों तक पहुंचे और श्रद्धा के इस महापर्व को जन-जन तक पहुंचाया जा सके। मुजफ्फरपुर इस बार सिर्फ एक नगर नहीं, बल्कि शिवभक्ति की ऊर्जा से सराबोर एक सांस्कृतिक तीर्थ बन गया।