अपाचे हेलिकॉप्टर की एंट्री से भारतीय सेना को मिली नई धार, जोधपुर में होगी तैनाती
- Post By Admin on Jul 23 2025

नई दिल्ली : भारतीय सेना की मारक क्षमता में ऐतिहासिक इजाफा हुआ है। दुनिया के सबसे घातक अटैक हेलिकॉप्टरों में शामिल एएच-64ई अपाचे का पहला बैच भारत पहुंच गया है। मंगलवार को अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित तीन अत्याधुनिक अपाचे हेलिकॉप्टरों की खेप भारतीय सेना को सौंपी गई, जो अब जल्द ही जोधपुर एयरबेस पर तैनात की जाएगी।
भारतीय सेना ने इस उपलब्धि को "ऐतिहासिक क्षण" बताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा— "भारतीय सेना में अपाचे का आगमन! यह हमारी ऑपरेशनल क्षमताओं को नई ऊंचाई देगा।"
पश्चिमी सीमा पर रणनीतिक बढ़त
पहली तैनाती जोधपुर में की जा रही है, जो पाकिस्तान की सीमा से सटे होने के कारण सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन हेलिकॉप्टरों की तैनाती से भारतीय सेना को पश्चिमी सीमा पर जवाबी कार्रवाई और निगरानी में बड़ी बढ़त मिलेगी।
सेना को मिल रहे हैं 'खुद के अपाचे'
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही 22 अपाचे हेलिकॉप्टर मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल मुख्यतः हवाई अभियानों में होता है। अब पहली बार भारतीय थल सेना को विशेष रूप से जमीनी अभियानों के लिए अपाचे हेलिकॉप्टर मिल रहे हैं, जिससे सेना को अपने स्तर पर एयर सपोर्ट और टारगेटेड ऑपरेशन की ताकत मिलेगी।
2020 में हुआ था सौदा, डिलीवरी में देरी
भारत ने वर्ष 2020 में छह अपाचे हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए अमेरिका से समझौता किया था। हालांकि, डिलीवरी में करीब 15 महीने की देरी हुई। मंगलवार को मिली यह पहली खेप है, जिसमें तीन हेलिकॉप्टर शामिल हैं। शेष तीन की डिलीवरी चरणबद्ध तरीके से की जाएगी।
अपाचे की खासियत:
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एक साथ कई टारगेट को ट्रैक और ध्वस्त करने की क्षमता
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मजबूत कवच और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली
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नाइट विजन और ऑल वेदर ऑपरेशनल तकनीक
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दुर्गम क्षेत्रों में भी लैंडिंग और हमले की क्षमता
अपाचे हेलिकॉप्टरों की भारतीय थल सेना में एंट्री केवल सैन्य ताकत में इजाफा नहीं, बल्कि सामरिक रणनीति में बड़ा बदलाव मानी जा रही है। यह कदम भारत की 'थल-आकाश तालमेल' नीति को नई दिशा देगा और आने वाले वर्षों में इसकी भूमिका अत्यंत निर्णायक हो सकती है।