गुरु पूर्णिमा 2025 : गुरुओं को समर्पित महापर्व आज, देशभर में श्रद्धा व आस्था का उमड़ा सैलाब
- Post By Admin on Jul 10 2025

नई दिल्ली : आज देशभर में गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ मनाया जा रहा है। आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के अवसर पर गुरुवार को हजारों श्रद्धालु अपने-अपने गुरुओं को नमन कर रहे हैं। यह दिन उन महान आत्माओं को समर्पित है जो अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश की ओर मार्ग प्रशस्त करते हैं।
गुरु पूर्णिमा, जिसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, वेदव्यास ने वेदों का विभाजन कर उन्हें व्यवस्थित किया और महाभारत, श्रीमद्भगवद्गीता सहित अठारह पुराणों की रचना की। इसलिए उन्हें आदिगुरु की संज्ञा दी गई है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार—
"गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।।"
यह श्लोक स्पष्ट करता है कि गुरु न केवल ज्ञानदाता हैं, बल्कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समकक्ष पूजनीय हैं।
इस दिन शिष्य अपने गुरुओं को गुरु दक्षिणा अर्पित करते हैं, पीले वस्त्र, फल-फूल, और धार्मिक सामग्री भेंट करते हैं। साथ ही, गुरु मंत्र का जाप, ग्रंथों का पाठ और व्रत का विशेष महत्व है। पवित्र नदियों में स्नान कर श्रद्धालु पुण्य अर्जन करते हैं और मोक्ष की कामना करते हैं।
गुरु के प्रति श्रद्धा केवल भौतिक उपस्थिति तक सीमित नहीं है। यदि कोई अपने गुरु से भौतिक रूप से नहीं मिल सकता, तो मानसिक रूप से गुरु का ध्यान कर उनकी पूजा की जा सकती है। शास्त्रों के अनुसार, गुरु की मानसिक आराधना भी फलदायी होती है।
गुरु पूर्णिमा केवल एक पर्व नहीं, बल्कि जीवन के सही मार्ग की ओर बढ़ने का संकल्प है। यह पर्व गुरु-शिष्य परंपरा के गौरवशाली इतिहास को नमन करने का दिन है। आज के दिन लाखों लोग अपने आध्यात्मिक, शैक्षणिक और व्यक्तिगत जीवन में गुरुओं की भूमिका को स्मरण कर आभार प्रकट कर रहे हैं।
इस अवसर पर कई धार्मिक स्थलों, आश्रमों और मठों में विशेष पूजा, प्रवचन, ध्यान साधना व यज्ञ अनुष्ठानों का आयोजन किया गया है। साथ ही, युवा वर्ग में भी गुरु के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़ रही है और कई स्थानों पर गुरु दीक्षा समारोह भी आयोजित हो रहे हैं।
गुरु के बिना जीवन अधूरा है और आज का दिन हमें यह याद दिलाता है कि सही मार्गदर्शन से ही व्यक्ति सफलता और आत्मज्ञान की ऊंचाइयों को छू सकता है।