बिहार पुलिस का नया एक्शन प्लान, जनप्रतिनिधियों की भूमिका से होगा अपराध पर नियंत्रण
- Post By Admin on Oct 17 2024

पटना : बिहार पुलिस ने अपराध नियंत्रण के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसमें अब जनप्रतिनिधियों को भी अपराध रोकने में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। इस योजना के तहत अब थानेदार हर 15 दिन पर जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर अपराध नियंत्रण पर उनसे फीडबैक लेंगे। इस बैठक में पुलिस जनप्रतिनिधियों से क्षेत्र में अपराध और अपराधियों के संबंध में विचार-विमर्श करेगी। इस आधार पर आगे की कार्रवाई के लिए रणनीति बनेगी। इस संबंध में मुख्यालय ने जिलों को निर्देश जारी किया है। बिहार पुलिस मुख्यालय के आदेश पर सभी जिलों में इस पर प्रैक्टिश भी शुरू हो गया है।
अब तक पुलिस मुखबिरों और चौकीदारों की सूचना पर अपराध नियंत्रण के लिए कार्रवाई करती रही है। कई बार जनप्रतिनिधियों और पुलिस के बीच टकराव की स्थिति भी बनती रही है।
उल्लेखनीय है कि नए कानून के तहत पुलिस छापेमारी और अवैध सामान की जब्ती के समय जनप्रतिनिधियों को गवाह के रूप में मौके पर बुलाएगी। मुख्यालय से जारी निर्देश के अनुसार, यह कदम पारदर्शिता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होगा। अक्सर पुलिस की कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोग गवाह बनने से कतराते हैं, जिससे कानूनी कार्रवाई में बाधा आती है। अब जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में पुलिस तलाशी और जब्ती की कार्रवाई करेगी, जिससे जांच और केस को मजबूत बनाया जा सके।
नए कानून लागू होने के बाद देखा गया है कि पुलिस की छापेमारी के समय अक्सर घटनास्थल पर स्थानीय लोग गवाह बनने के लिए तैयार नहीं होते हैं। नई पहल से अब ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर छापेमारी में शामिल पुलिस अधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को सूचना देंगे और उनकी मौजूदगी में तलाशी शुरू कर अवैध सामान की जब्ती करेंगे। जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी को कार्रवाई के लेखा-जोखा में भी शामिल होगा।
जनप्रितिनिधियों की अपराध नियंत्रण में अहम भूमिका होगी। खासकर हथियार, मादक पदार्थ या इस तरह की अन्य जब्तियों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को स्वतंत्र गवाह बनने के लिए बुलाने के लिए पुलिस संपर्क करेगी। इसका जिक्र भी केस के रिकॉर्ड में किया जाएगा। उनकी मदद से अपराधियों को सलाखों के अंदर भेजा जाएगा और उन्हें कोर्ट से सजा दिलाई जाएगी।
बिहार पुलिस की यह नई योजना पुलिस और जनप्रतिनिधियों के बीच विश्वास बहाल करने के साथ-साथ अपराधियों पर सख्ती से शिकंजा कसने का प्रयास है। जनप्रतिनिधियों के सहयोग से अब अपराध नियंत्रण के काम को और प्रभावी बनाया जाएगा।