नगर निगम की दुर्दशा पर उठते सवाल, भ्रष्टाचार और लापरवाही का सिलसिला जारी

  • Post By Admin on Jul 25 2024
नगर निगम की दुर्दशा पर उठते सवाल, भ्रष्टाचार और लापरवाही का सिलसिला जारी

मुजफ्फरपुर: जिले में नगर निगम की बदहाल स्थिति और लापरवाही की कहानियाँ आए दिन सामने आती रहती हैं। नगर निगम के अधीन हो रहे निर्माण कार्यों में व्याप्त भ्रष्टाचार की वजह से शहर की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। हाल ही में, शहर के प्रमुख क्षेत्र यूबी टॉवर के सामने अखाड़ाघाट रोड पर सड़क धंसने की घटना ने नगर निगम की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना केवल एक उदाहरण है कि किस तरह से निगम की लापरवाही और भ्रष्टाचार ने शहर को जोखिम में डाल रखा है।

सड़क धंसने की इस घटना ने स्थानीय नागरिकों को आक्रोशित कर दिया है। लोगों का कहना है कि नगर निगम के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है। सड़कें खराब सामग्री से बनाई जा रही हैं जिससे वे थोड़े समय में ही टूट-फूट जाती हैं। कई बार देखने को मिला है कि नए बने हुए सड़कों में कुछ ही महीनों में दरारें पड़ जाती हैं, जो न केवल यातायात के लिए खतरा बनती हैं, बल्कि आम जनता के पैसे की बर्बादी भी होती है।

इस तरह की घटनाओं से नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठते हैं। क्या नगर निगम की ओर से निर्माण कार्यों की सही तरीके से निगरानी नहीं की जा रही है? या फिर ठेकेदारों और निगम के अधिकारियों के बीच मिलीभगत है, जिसके चलते भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है ? स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

शहर में बढ़ती इन घटनाओं के बावजूद जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लोगों में यह धारणा बनती जा रही है कि प्रशासन भी इस लापरवाही का हिस्सा है, क्योंकि भ्रष्टाचार के मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। लोगों ने इस मामले की गहन जांच की मांग की है और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की अपील की है। अगर समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो यह शहर की सुरक्षा और विकास के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

इन निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार और लापरवाही का सिलसिला शहर की सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा है। सड़क धंसने जैसी घटनाएं न केवल नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं, बल्कि शहर की बुनियादी संरचनाओं को भी कमजोर करती हैं। ऐसी घटनाओं से यातायात जाम और दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है, जिससे आम जनता की परेशानी और बढ़ जाती है।

मुजफ्फरपुर में नगर निगम की दुर्दशा और भ्रष्टाचार की इन घटनाओं ने शहर की जनता के सब्र का बांध तोड़ दिया है। नगर निगम की लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों की आवाज बुलंद हो रही है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले की गंभीरता को समझे और नगर निगम के कामकाज में सुधार लाने के लिए कड़े कदम उठाए। जब तक नगर निगम की कार्यशैली में पारदर्शिता और जवाबदेही नहीं आएगी तब तक शहर की स्थिति में सुधार की उम्मीद करना मुश्किल है। जनता के आक्रोश को शांत करने के लिए प्रशासन को त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करनी होगी।