मुजफ्फरपुर में आवारा कुत्तों का बढ़ता आतंक, दहशत में हैं लोग
- Post By Admin on Sep 19 2024

मुजफ्फरपुर : जिले में आवारा कुत्तों का आतंक लोगों का जीना दूभर कर रहा है। कुछ महीनों में कुत्तों के हमलों से न केवल शहरवासी बल्कि पूरे जिले के लोग भय के माहौल में जीने को मजबूर हैं। आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों के कारण लोगों में खौफ का माहौल बना हुआ है। हर दिन सैकड़ों लोग, जिनमें बच्चे, बूढ़े, महिलाएं और पुरुष शामिल होते हैं, कुत्ते के काटने के बाद सुई लेने के लिए सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं।
कुछ वर्ष पूर्व भी लगभग तीन साल की एक मासूम बच्ची को कुत्तों ने नोच-नोचकर मार डाला था, लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन ने इस गंभीर समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं निकाला है। आवारा कुत्तों के हमले की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, लेकिन इस पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन की ओर से अब तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। बीते दिनों समाहरणालय परिसर में ही एक बाईक सवार को आवारा कुत्ते ने काट लिया था । जिले के सदर अस्पताल, रेलवे जंक्शन, कोर्ट परिसर, बस स्टैंड, समाहरणालय परिसर में आवारा कुत्तों ने अपना डेरा डाल रखा है । इन कुत्तों के झुंड में से कोई न कोई कुत्ता आम जनता को काटता रहता है । जिस से शहर में रहने वाले, खासकर ग्रामीण परिवेश से जुड़े लोग ज्यादा ही परेशान हो गए हैं ।
बीते गुरुवार को कांटी थाना क्षेत्र के एक इलाके में एक ही कुत्ते ने करीब आधा दर्जन लोगों पर हमला कर उन्हें बुरी तरह जख्मी कर दिया। सभी घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर जल्द ही प्रशासन इस समस्या का समाधान नहीं करता है तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। लोग प्रशासन से जल्द से जल्द आवारा कुत्तों के आतंक पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।
शहर के लगभग रिहायसी इलाकों में कुत्तों की संख्या में बेतहसा वृद्धि देखी जा रही है । बीते कुछ वर्ष पूर्व कुत्तों की संख्या को कंट्रोल करने के लिए नियम बनाए जा रहे थे । प्रजनन क्षमता पर अंकुश लगाकर कुत्तों की नई आबादी पर लगाम लगाने की योजना थी लेकिन निगम इसमें भी फेल रहा नतीजतन कुत्तों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है । शहर के हर चौक चौराहे पर रात के 9 बजे के बाद कुत्तों का आतंक और बढ़ जाता है और ये कुत्ते पैदल और बाईक से चलने वाले राहगीर पर टूट पड़ते है । शहर के सदर अस्पताल में ही लगभग 100 मरीज प्रतिदिन टीका लगवाने आते हैं वहीं कई प्राईवेट अस्पताल पर भी टीके लगाए जाते हैं जिसका आंकड़ा अभी उपलब्ध नहीं हो सका है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि लगभग 200-300 लोग प्रतिदिन आवारा कुत्तों के शिकार हो रहे हैं लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है ।