मुजफ्फरपुर नवनिर्माण सेना ने डीएम को सौंपा ज्ञापन, बाबा गरीबनाथ धाम के विकास को लेकर रखी छह सूत्री मांग
- Post By Admin on Jun 26 2025
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मुजफ्फरपुर : सावन महापर्व से पूर्व मुजफ्फरपुर नवनिर्माण सेना ने बाबा गरीबनाथ धाम की अवस्थापना और सुविधाओं को लेकर आज जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। संगठन ने बाबा गरीबनाथ मंदिर परिसर के समग्र विकास, श्रद्धालुओं की सुविधा और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में छह अहम मांगें रखीं।
संगठन के अध्यक्ष महंत अभिषेक पाठक और संरक्षक सावन पाण्डेय के नेतृत्व में डीएम कार्यालय पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि बाबा गरीबनाथ धाम उत्तर बिहार के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, लेकिन आज भी यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। सावन जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर श्रद्धालुओं को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
ज्ञापन में प्रमुख रूप से निम्नलिखित छह मांगें रखी गईं:
- अर्घा को सड़क से हटाकर मंदिर प्रांगण में स्थापित किया जाए, ताकि सावन में श्रद्धालु सुगमता से बाबा का जलाभिषेक कर सकें।
- गरीबनाथ धाम को काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाए, जिससे मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ के प्रबंधन में सुविधा हो।
- मंदिर के पास स्थायी पार्किंग की व्यवस्था की जाए, जिससे बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी न हो।
- फूल, माला और प्रसाद विक्रेताओं के लिए मंदिर के पास ही स्थायी दुकानें बनाई जाएं, जिससे उन्हें व्यवस्थित जगह मिल सके और अराजकता भी रुके।
- श्रावणी मेला के दौरान सड़कों को तोड़ने की परंपरा समाप्त कर, वैकल्पिक मार्ग से कांवरियों को मंदिर तक लाने की व्यवस्था की जाए। इसके लिए रामदयालु रेलवे गुमटी से होते हुए अघोरिया बाजार चौक, हरिसभा चौक, छोटी कल्याणी और केदारनाथ रोड होते हुए विशेष रूट प्रस्तावित किया गया है।
- बाबा गरीबनाथ मंदिर के पास सिंहद्वार का निर्माण कराया जाए, जिससे भक्तों के आगमन और प्रस्थान का व्यवस्थित प्रबंधन हो सके, जैसा कि काशी और देवघर में होता है।
नवनिर्माण सेना ने जिलाधिकारी से इन मांगों पर शीघ्र कार्यवाही की अपील करते हुए कहा कि सावन की शुरुआत से पहले आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था कर श्रद्धालुओं को सुविधा दी जानी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी चेताया कि यदि इन मांगों पर ठोस पहल नहीं हुई, तो आंदोलनात्मक रुख भी अपनाया जा सकता है।
ज्ञापन सौंपने वालों में संगठन के कई अन्य सदस्य भी शामिल थे।