महिला संवाद कार्यक्रम ने खोली आधी आबादी की आवाज, गाँव-गाँव गूंज रही अधिकार और आकांक्षाएं

  • Post By Admin on May 24 2025
महिला संवाद कार्यक्रम ने खोली आधी आबादी की आवाज, गाँव-गाँव गूंज रही अधिकार और आकांक्षाएं

लखीसराय : कभी घर की चारदीवारी में सिमटी ‘आधी आबादी’ अब मुखर होकर अपने अधिकारों की आवाज़ बुलंद कर रही है। जीविका द्वारा चलाए जा रहे महिला संवाद कार्यक्रम ने महिलाओं को न केवल मंच दिया है, बल्कि उन्हें सशक्तिकरण और स्वावलंबन की दिशा में निर्णायक कदम उठाने का हौसला भी दिया है।

राज्य सरकार की पहल पर चल रहे इस संवाद अभियान में महिलाएं न सिर्फ अपनी बात रख रही हैं, बल्कि राज्य की जन-कल्याणकारी योजनाओं से मिली सुविधाओं को साझा कर रही हैं। बीते डेढ़ माह से लखीसराय जिले सहित पूरे राज्य में गाँव-गाँव यह कार्यक्रम महिलाओं को अपने अधिकारों, कर्तव्यों और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक कर रहा है।

कार्यक्रम के दौरान लघु फिल्म, पठन सामग्री और मुख्यमंत्री का संदेश प्रसारित किया जा रहा है, जिससे महिलाएं योजनाओं की जानकारी पाकर लाभान्वित हो सकें। लखीसराय जिले में भी यह अभियान व्यापक स्तर पर चला, जिसमें सुबह और शाम आयोजित कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में महिलाएं भाग ले रही हैं। परिजनों का सहयोग और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी इस कार्यक्रम की सफलता का संकेत दे रही है।

महिलाएं अब खुलकर अपनी व्यक्तिगत और सामूहिक समस्याएं रख रही हैं। कहीं शौचालय की मरम्मत की मांग है तो कहीं सामुदायिक भवन की आवश्यकता जताई जा रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल की तर्ज पर विकसित करने, बड़े भवन और बेहतर पठन-पाठन की सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग भी उठाई गई है।

शनिवार को जिले के विभिन्न प्रखंडों में महिला संवाद कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें अमहरा (सदर), साबिकपुर, खुटहा ईस्ट-वेस्ट (बड़हिया), बंशीपुर, कावा राजपुर (सूर्यगढ़ा), गेरुआ परसंदा, सांडमॉफ (हलसी), भलुही, कुंदर (चानन), और मोहनपुर (पिपरिया) जैसे गाँव शामिल रहे। इन गाँवों में उत्कर्ष, विश्वास, शक्ति, नारी शक्ति, मुस्कान, निरंकार, सुमन, संगम, शुभम, लक्ष्मी और आकाश जीविका महिला ग्राम संगठनों ने कार्यक्रम का संचालन किया।

इसी दिन रामगढ़ चौक प्रखंड में 37 दिनों से चल रहे संवाद कार्यक्रम का सफल समापन संसार ग्राम संगठन द्वारा बकियाबाद में किया गया। समापन कार्यक्रम में महिलाओं ने अपनी व्यक्तिगत एवं सामूहिक आकांक्षाओं को दोहराया और आगे की योजनाओं को लेकर आशा जताई।

महिला संवाद कार्यक्रम, स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त कर रहा है, बल्कि सामाजिक मंचों पर उन्हें नेतृत्व और मुखरता का अवसर भी दे रहा है। यह पहल निःसंदेह गाँव के सर्वांगीण विकास और एक नए बिहार के निर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।