गंगा बेसिन समस्या और समाधान पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय विमर्श का शुभारंभ

  • Post By Admin on Nov 29 2024
गंगा बेसिन समस्या और समाधान पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय विमर्श का शुभारंभ

मुजफ्फरपुर : गुरुवार को गंगा बेसिन समस्या और समाधान को लेकर तीन दिवसीय राष्ट्रीय विमर्श का शुभारंभ मिठनपुरा स्थित चंद्रशेखर भवन में हुआ। इस कार्यक्रम की शुरुआत महिला प्रतिनिधियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। संवाद का संचालन भागलपुर के उदय द्वारा किया गया। जबकि स्वागताध्यक्ष के रूप में वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और पूर्व सांसद अली अनवर ने अपनी बात रखी।

कार्यक्रम का विषय प्रवेश गंगा मुक्ति आंदोलन के संस्थापक अनिल प्रकाश ने कराया। जिसमें उन्होंने गंगा के संरक्षण की आवश्यकता और इससे जुड़ी समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। बेतिया के राजीव कुमार ने अपनी कविता “नदियां नीत तुम बहा करो, कल कल छल छल…” प्रस्तुत की, जबकि सामाजिक कार्यकर्ता संगीता सुभाषिनी ने भी अपनी कविता “कांप रही हैं धरती थर, समय बड़ा विकराल…” के माध्यम से नदियों और पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई।

इस आयोजन में गंगा बेसिन के संरक्षण और समस्याओं के समाधान पर चर्चा करने के लिए विभिन्न राज्यों से अनेक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता, जनसंगठनों के सदस्य और विद्वान शामिल हुए। प्रमुख रूप से नवल किशोर सिंह, ठाकुर देवेंद्र कुमार, जगरनाथ पासवान, राजीव कुमार, वीरेंद्र सिंह क्रांतिकारी, प्रसून लतान (दिल्ली), राजकुमार मंडल और विनय कुमार जैसी हस्तियां इस विमर्श में उपस्थित थीं।

कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन नरेश कुमार सहनी द्वारा दिया गया। इस विमर्श में गंगा और अन्य नदियों के संरक्षण के उपायों पर गहरी चर्चा हुई और नदी आंदोलन के सक्रिय कार्यकर्ताओं ने भविष्य में इन नदियों के अस्तित्व को बचाने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया। यह कार्यक्रम नदियों के संरक्षण और जीवनदायिनी जल स्रोतों के प्रति जागरूकता फैलाने और समाज में गंगा जैसे महान नदियों की महत्वता को पुनः स्थापित करने का महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।