कर्ज लेकर की थी खेती, अब नहीं मिल रहा है खरीदार
- Post By Admin on Jan 07 2025

समस्तीपुर : जिले के उजियारपुर प्रखंड में दर्जनों किसान आज कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं। खासकर महिसारी पंचायत के कई किसानों की फूल गोभी की फसल बिकने के बजाय सड़ रही है। जबकि उन्होंने इसे पैक्स से कर्ज लेकर उगाया था। इन किसानों के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा है और वे आत्महत्या के कगार पर हैं, क्योंकि फसल के लिए उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। इन किसानो की दुर्दशा को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जबकि 13 जनवरी को नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान बड़े-बड़े वादों की उम्मीद जताई जा रही है।
कर्ज लेकर की थी फूल गोभी की खेती, नहीं मिल रहा है खरीदार
महिसारी के वॉर्ड संख्या 3 के किसान तरुण कुमार यादव, रामदेव यादव, जितेंद्र कुमार यादव, कपीलदेव यादव, संजय यादव, रामजीत सिंह, राम दयाल सिंह, संतोष यादव, सीताराम यादव सहित दर्जनों किसान करीब दस एकड़ में फूल गोभी की खेती कर रहे हैं। उन्होंने यह खेती पैक्स से कर्ज लेकर की थी, लेकिन अब उनकी फसल का सही मूल्य नहीं मिल रहा है। किसान लगातार बाजार में अपनी फसल बेचने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन खरीदार नहीं मिल रहे हैं। इस स्थिति में उनका कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है और वे आर्थिक तंगी के कारण मानसिक तनाव का शिकार हो चुके हैं।
विधायक और सांसद को दी गई सूचना, लेकिन कोई समाधान नहीं
किसान अपनी इस गंभीर स्थिति को उजियारपुर के विधायक आलोक कुमार मेहता और समस्तीपुर के सांसद नित्यानंद राय के ध्यान में भी लाए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। किसानों ने इन नेताओं को मोबाइल पर अपनी समस्या से अवगत कराया, लेकिन कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। इसके विपरीत, 13 जनवरी को नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान सरकारी मंच से बड़ी-बड़ी बातें और वादे किए जाएंगे। जबकि किसानों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
किसान अब खुदकुशी के रास्ते पर
किसानों के लिए यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। कर्ज के बोझ तले दबे ये किसान अब आत्महत्या तक की सोच रहे हैं। बिना खरीदार के उनके पास फसल की कीमत चुकाने का कोई तरीका नहीं है। जिससे उनकी स्थिति दिन-ब-दिन और खराब होती जा रही है। वहीं, संबंधित प्रशासनिक अधिकारी इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं और कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। इस गंभीर संकट के बावजूद किसानों को राहत देने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है।